प्रियंका देवी का सपना था कि वो पहाड़ में रहकर ही ऑर्गेनिक मसाला उद्योग लगायें, इसकी सारी जानकारी वो हासिल कर चुकी थी बस अब उनके आगे एक ही समस्या थी कि बैंक से उन्हें लोन मिल जाए जिसके बाद वो अपना ये सपना पूरा कर सकें। इसके पीछे उनका मकसद पहाड़ को स्वरोजगार से जोड़ना तो था ही जिससे कि इलाके का नाम भी पूरी दुनियां में रोशन होता तो वो अपने ऑर्गेनिक मसाला उद्योग के लोन के प्रयास में पिछले काफी समय से प्रयास करने में लगी हुई थीं। उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक से लेकर सहकारी बैंक तक सभी बैंकों के चक्कर काट लिए लेकिन कोई भी अधिकारी उन्हें लोन देने को तैयार नहीं था क्यूंकि प्रियंका को इस प्रोजेक्ट के लिए 25 लाख रुपये के लोन की जरूरत है।
इसके बाद अब प्रियंका देवी ने उत्तराखंड के मुख्यमंन्त्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को एक पत्र लिखा है और कहा कि वह सरकार से भी कई बहुत दफा लोन के लिए आवेदन कर चुकी हैं पर हर बार पैसा खर्च कर डॉक्यूमेंट की फाइल बनाकर जमा कराती हैं। बैंक वाले सरकारी गारंटी की मांग करते हैं अब जब जिसके घर में सरकारी नौकरी वाला कोई न हो तो उसे लोन कैसे मिलेगा। और इस सब से दुखी होकर अब प्रियंका ने सरकार से मांग की है कि उन्हें कच्ची शराब बनाने की इजाजत दी जाए क्यूंकि पहाड़ में यही एक ऐसा काम है जिसके लिए लोन की भी आवश्यकता नहीं है, जिससे वो अपना गुजारा भी कर लेंगी और साथ ही 2-3 लोगों को भी रोजगार मिल जाएगा।
अब इस पूरे प्रकरण के बाद और सरकार की किरकिरी होने के बाद पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के जनसंपर्क अधिकारी जय सिंह नेगी ने प्रियंका के पति इंद्र सिंह असवाल को फोन कर कोटद्वार में सहकारी बैंक के जीएम से मिलने को कहा है। जिसके बाद कल यानी शनिवार 4 अगस्त को को इंद्र सिंह, जीएम से मिले लेकिन उन्हें वही जवाब मिला जो हर बार उन्हें मिलता है। केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक़ उद्योग लगाने के लिए एक करोड़ रुपये तक के लोन में गारंटी की जरूरत नहीं होती है। उद्योग निदेशक सुधीर नौटियाल ने बताया कि एक करोड़ रुपये तक के प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार ने अलग से फंड बनाया हुआ है पर इसके बावजूद कई बैंक अपनी सुरक्षा के लिए गारंटी मांगते हैं।