यहाँ बात हो रही है पिथोरागढ़ जिले के डीडीहाट के गराली गाँव की जहाँ रमेश सिंह अपने पिता आन सिंह अपने परिवार के साथ रहता है, रमेश सिंह की गतिविधियां उत्तराखंड पुलिस और मिलिट्री इंटेलीजेंस को पिछले काफी समय से संदिग्ध लग रही थी क्योंकि वो पंजाब और कश्मीर के जरिये बहुत बार पाकिस्तान बॉर्डर तक होकर आ रखा है और अब उत्तराखंड पुलिस ने मिलिट्री इंटेलीजेंस के साथ मिलकर रमेश सिंह को दबोज लिया है। इसके बाद रमेश सिंह से लम्बी पूछताछ की गयी है जिसमें वो बहुत कम सवालों के जवाब दे रहा है और अधिकतर बातों पर चुप हो जा रहा है।
आपको बता दें कि रमेश सिंह पाकिस्तान में 2 साल 5 माह तक रहकर आया है वह पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त में रसोइया के रूप में कार्य कर चुका है और अब फिलहाल वह नेपाल सीमा से लगे बलराम गाँव में सस्ते गल्ले की दुकान चला रहा है, पाकिस्तान में रहने के दौरान वह भारत विरोधी संगठनों के संपर्क में था। उत्तराखंड पुलिस ने इसके बाद रमेश के लैपटॉप और मोबाइल को अपने कब्जे में ले लिया है रमेश तीन सिम वाला मोबाइल यूज करता था और एक ही नंबर पर अधिकतर समय बात करता रहता था और वो मोबाइल के प्रयोग बहुत जरुरी होने पर ही कर रहा था इसके अलावा वो अधिकतर समय साइबर कैफ़े के जरिये ही ISI के एजेंटों से बात कर रहा था, रमेश सिंह के लैपटॉप से भी पुलिस को अहम जानकारी हाथ लगी हैं और इन जानकारियों को अब इकठ्ठा किया जा रहा है।
एटीएस और उत्तराखंड पुलिस ने कई बार जब उससे पूछा कि क्या वो पाकिस्तान की खुपिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम कर रहा है लेकिन वो हर बार इस पर चुप्पी साधे रहा, रमेश के घरवालों से भी पुलिस और खुपिया एजेंसी पूछताछ कर रही है इसके बाद रमेश को पिथौरागढ़ की कोर्ट में पेश किया गया और वहां से ट्रांजिट रिमांड लेकर उसे लखनऊ लाया जा रहा है जहाँ उससे और अधिक जानकारी इकठ्ठा की जाएगी।