पिछले 4-5 दिनों से उत्तराखंड में स्थिति काफी विकट बनी हुई है आजकल इस पर्वतीय राज्य के मैदानी जिलों में गर्मी पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है बात अगर देहरादून और हरिद्वार जिले की करी जाए तो यहाँ तापमान लगभग 42 डिग्री सेंटीग्रेट तक पहुँच गया है जिसके कारण आम जनता का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है देहरादून में भी कल यानी 22 मई का दिन पिछले पांच सालों का सबसे गर्म दिन रहा है और यही स्थिति हरिद्वार और उधमसिंह नगर जिलों की भी बनी हुई है और मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक आने वाले 4-5 दिनों तक भी जनता को इस गर्मी से निजात मिलने वाली नहीं है।
वहीँ अगर बात उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों की करैं तो यहाँ इससे भी बड़ी समस्या खडी हो रखी है और वो ये कि पूरे उत्तराखंड के अधिकाँश जंगल इन दिनों आग की चपेट में हैं, आपको बता दें कि उत्तराखंड का लगभग 71 फ़ीसदी हिस्सा वनों से गिरा हुआ है जिसके कारण धीरे-धीरे स्थिति और भी विकराल होती जा रही है, जिसके लिए वन विभाग भी पूरी तरह से तैयार नजर आ रहा है पर इसपे संसय बना हुआ है कि क्या खाली वन विभाग ही इतनी विकराल होती जा रही आग से निपटने में सफल हो पायेगा, इस भयावह आग के कारण वन्य जीवों की जान पर भी एक बहुत बड़ा खतरा मंडराता नजर आ रहा है और अगर वन्य जीव जंगलों से भागकर रिहायसी इलाकों की तरफ भी आते हैं तो इससे मानव और वन्य जीवों के मध्य भी संघर्ष की घटनायें देखने को मिलने वाली हैं।
अब अगर तुरंत ही इस समस्या से निवारण नहीं निकाला जा सका तो धुऐं और धूल के कणों के द्वारा उत्पन्न होने वाले स्मोग के कारण मानव जीवन को भी खतरा मंडराता दिख रहा है और इसके अलावा दृश्यता कम होने के कारण हवाई जहाज़ों और हेलिकॉप्टर की उड़ानों में भी आने वाले समय में दिक्कत हो सकती है क्यूंकि राजाजी व कार्बेट टाइगर रिजर्व से लेकर उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित केदारनाथ वाइल्ड लाइफ सेंचुरी तक के जंगल आग की गिरफ्त में हैं।