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उत्तराखंड: इस दरगाह ने पेश की नई मिसाल, देश की आजादी के बाद पहली बार फहराया गया तिरंगा झंडा

हरिद्वार की विश्व प्रसिद्ध कलियर शरीफ की दरगाह पर गणतंत्र दिवस के अवसर पर पहली बार तिरंगा फहराया गया. पहली बार देश की आजादी के बाद कलियर शरीफ की दरगाह पर ध्वजारोहण किया गया. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स ने शिरकत की. वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स ने कहा कि आज के इस शुभ अवसर पर मुझे यहां तिरंगा फहराने का अवसर मिला है. जिससे मैं खुश हूं और मां भारती को मैं अपना सलाम पेश करता हूं. उन्होंने कहा कि देश के अंदर हर जगह तिरंगा फहराना चाहिए.

हरिद्वार के दक्षिण में स्थित पिरान कलियर में एक रहस्यमय शक्ति होने का दावा किया जाता है, जो यहां आने वाले भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करती है. पिरान कलियर 13वीं शताब्दी के चिश्ती संप्रदाय के संत अलाउद्दीन अली अहमद साबिर कलियारी की दरगाह है. जो बाबा फरीद (1188-1280) के उत्तराधिकारी थे. इस दरगाह को अफगान शासक इब्राहिम लोधी ने बनवाया था. सूफी संत अलाउद्दीन साबिर कलियारी का जन्म मुल्तान जिले के एक कस्बे कोहतवाल में हुआ था. उनकी मां जमीला खातून थीं, जो बाबा फरीद की बड़ी बहन भी थीं. उनके पिता सैयद अबुल रहीम की मृत्यु के बाद उनकी मां उन्हें बाबा फरीद की देखरेख में पाकपट्टन ले आईं. हरिद्वार के करीब होने के कारण यह दरगाह हिंदुओं और मुसलमानों में पूजनीय है. सदियों से इस तीर्थस्थलों के आसपास एक छोटा सा शहर विकसित हुआ और इसे पिरान कलियर नाम दिया गया.

वहीं, रुड़की के रहमानिया मदरसे में भी तमाम मुस्लिम धर्म गुरुओं और बच्चों ने साथ मिलकर पूरे हर्ष उल्लास के साथ 75वां गणतंत्र दिवस मनाया. इस मौके पर मौलाना अरशद, मुफ्ती रईस साहब, मौलाना नौशाद साहब, मैनेजमेंट के प्रबंधक मोहम्मद मुस्तकीम साहब, गुलफाम शेख, फराज उपस्थित रहे.

 


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