उत्तराखंड में विधानसभा के सोमवार 21 दिसम्बर से शुरू होने वाले तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पहले दिन दिवंगत विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के अलावा चार पूर्व विधायकों को श्रद्धांजलि देने के बाद अनुपूरक मांगें पटल पर रखी जाएंगी। अगले दिन प्रश्नकाल चलेगा और अनुपूरक मांगों पर चर्चा के साथ ही पांच विधेयक प्रस्तुत किए जाएंगे। कोरोना संक्रमित होने के कारण नेता सदन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सदन में मौजूद नहीं रहेंगे। वह वर्चुअली सत्र से जुड़ सकते हैं। उधर, सत्र की कम अवधि को लेकर कांग्रेस ने आपत्ति उठाते हुए अवधि बढ़ाने की मांग की है।
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22 दिसम्बर को सरकार अनुपूरक बजट पर चर्चा कराएगी और इसी दिन इसे पास भी कराएगी। 22 को ही कार्यमंत्रणा समिति की दोबारा बैठक होगी। वहीं, इस सत्र में भी विपक्ष का रुख आक्रामक रहेगा और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कार्यमंत्रणा की बैठक के बाद इसका संकेत भी दिया। कांग्रेस ने महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की समस्या आदि पर काम रोको प्रस्ताव लाने की तैयारी की है। कांग्रेस विधायक और पीसीसी अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि उनकी ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि सदन शुक्रवार तक चलना चाहिए। कार्यमंत्रणा सिमिति की बैठक में उनकी ओर से यह कहा भी गया। संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने कहा कि सरकार के पास बहुत अधिक बिजनेस नहीं है।
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सदन में सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों के अनुसार सभी 71 विधायकों के लिए बैठने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। इसलिए विधानसभा सचिवालय की ओर से सदन के अलावा 107 नम्बर सभा कक्ष को भी सदन के रूप में परिवर्तित किया गया है। यहां पर 30 विधायकों के बैठने की व्यवस्था की गई है। 41 विधायक सदन के अलावा दर्शक दीर्घा, पत्रकार दीर्घा में बिठाए जाएंगे जबकि अन्य विधायक 107 नम्बर कक्ष वर्चुअल तरीके से विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होंगे। शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष के सभी विधायकों को तो विधानसभा सदन के भीतर जगह मिल जाएगी। लेकिन सत्ता पक्ष के केवल उन्हीं विधायकों को सदन में जगह मिल पाएगी जो समय पर सदन के भीतर पहुंच पाएंगे। देर से आने वाले विधायकों को दर्शक दीर्घा, पत्रकार दीर्घा में बिठाया जाएगा। सबसे देरी में आने वाले विधायकों को 107 नम्बर कक्ष में बिठाया जाएगा जहां से वे वर्चुअल तरीके से सत्र से जुड़ पाएंगे।