लोकसभा चुनाव के अवसर पर कांग्रेस को झटके लगने का क्रम थम नहीं रहा है। पूर्व कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ नेता दिनेश अग्रवाल ने शनिवार को पार्टी से त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने अपना त्यागपत्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा को भेजा है। उनके शीघ्र भाजपा में सम्मिलित होने की चर्चा है। आपको बता दें दिनेश अग्रवाल की गिनती कांग्रेस की विचारधारा से गहरे जुड़े नेताओं में होती रही है। वह तीन बार विधायक तो रहे ही, कांग्रेस की एनडी सरकार और हरीश रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं।
गत दिन पार्टी की ओर से जारी 40 स्टार प्रचारकों की सूची में उन्हें भी स्थान दिया गया। यह सूची जारी होने के एक दिन बाद ही दिनेश अग्रवाल ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया। अग्रवाल प्रदेश कांग्रेस संगठन से लंबे समय से नाराज चल रहे थे। संगठन में जिला व महानगर स्तर पर की गई नियुक्तियों को लेकर उन्होंने कुछ दिन पहले भी नाराजगी जताई थी। इसके बाद पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने उनके आवास पहुंचकर लगभग तीन घंटे तक वार्ता की।
दिनेश अग्रवाल 1993 और 1996 में उत्तर प्रदेश के समय देहरादून विधानसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन हरबंस कपूर से हार गए। राज्य बनने के बाद 2002 व 2007 में लगातार दो चुनाव में उन्होंने लक्ष्मण चौक सीट पर नित्यानंद स्वामी को हराया। फिर 2012 में धर्मपुर विधानसभा सीट पर प्रकाश ध्यानी को हराकर विधायक बने। 2017 के चुनाव में वह भाजपा के विनोद चमोली से हार गए। इसके बाद 2018 में मेयर नगर निगम का चुनाव भी हार गए। इन दो हार के बाद से दिनेश अग्रवाल पार्टी में तो रहे, लेकिन उनकी भूमिका ज्यादा प्रभावशाली नहीं थी। पिछले कुछ दिनों से उनके बगावती सुर सुनने को मिलने लगे थे। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने उन्हें मनाने की पुरजोर कोशिश की।