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उत्तराखंड के इस गाँव में खांसी और बुखार के कारण 15 दिन में 35 मौतें, मचा हडकंप

देश के गांवों के साथ ही अब उत्तराखंड के गावों में भी बुखार खांसी के बाद लोगों की मौत हो रही है। रुड़की और आसपास के गांवों में भी संक्रमण का कहर लगातार दिख रहा है। रुड़की तहसील के नारसन ब्लॉक के लिब्बरहेड़ी गांव में बीते 15 दिनों में हर रोज औसतन दो से तीन लोगों की मौत हो रही है। गांव वालों की माने तो मई में अब तक 35 लोग मौत का शिकार हो चुके हैं। इस गांव का हाल यह है कि हर तीसरा घर संक्रमण की चपेट में हैं। पूरे गांव में इस समय 500 लोग बीमार हैं। सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि यहां के लोग कोविड-19 टेस्ट भी नहीं हो पा रहा है। प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी यहां कोई टीम नहीं पहुंची है। इस समय उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। कोरोना संक्रमण अब गांवों में फैल रहा है। गांवों में आज भी लोग न इतनी साफ सफाई रखते हैं और न ही लोगों में इस बीमारी को लेकर इतनी सर्तकर्ता है।

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शहरों से ज्यादा अब कोरोना गांवों में फैल रहा है। गांवों में आज भी स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। न बड़े अस्पताल हैं न ही अच्छे डाक्टर हैं। नारसन ब्लॉक के लिब्बरहेड़ी गांव की स्थिति भी बहुत चिंताजनक बनी हुई है। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि जो कोरोना पूरे विश्व में तबाही मचाने केबाद अब भारत में अपना विकराल रूप दिखा रहा है, लेकिन इस गांव के लोग अभी भी इसे संदिग्ध बुखार मान रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार लिब्बरहेड़ी में आज से करीब एक महीने पहले सब कुछ ठीक चल रहा था। इसी बीच 24 अप्रैल को गांव में एक व्यक्ति की संदिग्ध मौत हुई।

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सामान्य मौत मानकर लोगों ने इस घटना पर ध्यान नहीं दिया। इसके दो दिन बाद फिर एक मौत हुई। ऐसे में 30 अप्रैल तक गांव में चार मौतें हुई। ये मौतें लोगों में चर्चा बनने लगी। नासमझी और लापरवाही के चलते कोरोना शहर के मुकाबले गांव में तेजी से फैल रहा है। नारसन ब्लॉक के लिब्बरहेड़ी गांव में इस समय कोरोना ने तांडव मचाया हुआ है। लोग कुछ समझ पाते इसके बाद आए दिन एक-दो मौतें होने लगी। बताया जाता है कि 11 मई को गांव में एक साथ छह मौतें हुईं। अब गांव में आलम ये है कि श्मशान घाट में एक साथ दो से तीन चिता जलाई जा रही हैं। वहीं जो अचानक मौतें हो रही हैं, उन्हें जलाने के लिए दूसरी चिता की आग ठंडी होने का इंतजार करना पड़ रहा है।

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