उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बिगड़े हुए बच्चों को सही रास्ते पर लाने के लिए एक घास का प्रयोग सदियों से किया जाता रहा है। इस घास को गलती से छू जाने से असहनीय दर्द तो होता ही है और बाद में जो खुजली होती है वो अलग। स्कूल और घर लोग अक्सर इस घास के नाम से बच्चों को डराते दिख जाते हैं। अब तक तो आप समझ ही गए होंगे कि यहाँ बात हो रही है कंडाली की जिसे बिच्छू घास भी कहते हैं। लेकिन अब इस घास से बच्चों को तो छोड़िये बल्कि बड़ों को भी डराया जा रहा है और वो भी इसलिए ताकि लोग लॉकडाउन का सही से पालन करैं।
दरसल यह पूरा वाकया है श्रीनगर शहर से करीब आठ किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत खोला का। जहाँ की ग्राम प्रधान ने लोगों के बेवजह घूमने पर रोक लगाने के लिए यह अनोखी तरकीब अपनाई है। इन दिनों वह पूरे गाँव में अपने हाथ में कंडाली यानी बिच्छू घास लेकर घूम रही हैं। और दिलचस्प ये है कि कंडाली के खौफ से श्रीनगर-बुघाणी मोटर मार्ग पर लोगों का आना-जाना बहुत ही कम हो गया है। लॉकडाउन के बाद भी कई लोग पूरी तरह से इसका पालन नहीं कर रहे थे।
जिसके बाद ग्राम प्रधान रंजना ने यह अनोखी तरकीब निकाली है। कंडाली का खौफ इतना है कि गांवों में घरों से बाहर आकर खेल रहे बच्चे कंडाली देखकर ही घर के अन्दर दुबक जाते हैं। इस जगह श्रीनगर से अधिक संख्या में छात्र-छात्राएं घूमने पहुंच जाते हैं। और अब इन छात्रों को कंडाली दिखाकर भगा दिया जाता है। स्थानीय निवासी अजय घिल्डियाल ने बताया कि श्रीनगर-खिर्सू मोटर मार्ग पर कई बार टोकने के बावजूद युवक युवतियां और शराब पीने वाले अक्सर आ रहे थे। लेकिन जब से कंडाली दिखाई गई है, उनमें कमी आई है।