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एक राजा ऐसा भी जिसनें ‘रोल्स रॉयस’ की लग्ज़री कारों को लगा दिया कचरा ढोने में

राजस्थान में अलवर जिले के एक राजा थे, जिनका नाम महाराजा जयसिंह प्रभाकर (Alwar King Maharaja Jai Singh Prabhakar) था। इन महाराजा से सम्बंधित एक रोचक किस्सा बहुत ही प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि लक्ज़री कार बनाने वाली एक कंपनी जिसका नाम Rolls Royce था, उसे सबक सिखाने के लिए इन राजा ने कई नई गाड़ियाँ ख़रीदी तथा उनको कचरा ढोने उपयोग के लिए लगा दिया। यह किस्सा करीब 1920 के समय का है, तब महाराजा जय सिंह लंदन में थे। एक बार की बात है जब वे राजा की पोशाक ना पहन कर साधारण वस्त्रों में ही लंदन घूमने हेतु चले गए थे। लन्दन में घूमते हुए उनकी दृष्टि Rolls Royce के शोरूम पर पड़ गयी। इस शोरूम के भीतर एक लक्ज़री गाड़ी खड़ी थी, जो कि राजा को बहुत पसंद आयी, तब वे उसे देखने के लिए शोरूम के भीतर चले गए अंदर चले गए। लेकिन वह राजा आम कपड़ों में थे अतः उस शो रूम के कर्मचारियों ने उनको नहीं पहचाना तथा उन्हें कोई गरीब व्यक्ति जानकर शोरूम के बाहर निकल जाने को कह दिया। आगे पढ़ें:

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राजा को उनके साथ हुआ यह तिरस्कृत व्यवहार बहुत बुरा लगा और यह बात उनके दिल में चुभ गई। फिर उन्होंने निश्चय कर लिया कि वह ‘रोल्स रॉयस’ से अपने इस अपमान का बदला लेकर रहेंगे। इसलिए फिर महाराजा जय सिंह प्रभाकर पुनः अपने राजा की पोशाक में ही ‘रोल्स रॉयस’ शोरूम के-के भीतर गए। शो-रूम के कर्मचारियों को पहले से ही बता दिया गया था कि अलवर के महाराजा इस शोरूम से गाड़ी खरीदने आ रहे हैं, अतः उन कर्मचारियों ने राजा जय सिंह का बहुत स्वागत सत्कार किया। राजा ने अपना समय व्यर्थ किए बिना ‘रोल्स रॉयस’ की कई सारी गाड़ियाँ एक साथ ख़रीदने का फरमान दे दिया। कहा जाता है कि राजा ने उन सभी गाड़ियों को नकद रुपये देकर खरीदा था। शोरूम के सारे कर्मचारी बहुत प्रसन्न हो गए क्योंकि आज इनको इतना बड़ा ऑर्डर मिला था। लेकिन, वे कर्मचारी नहीं जानते थे कि महाराजा जय सिंह उनकी इन शाही गाड़ियों के साथ क्या करने वाले थे। वे तो यही सोच रहे थे कि राजा को उन की गाड़ियाँ बहुत पसंद आई इसलिए उन्होंने उनकी गाड़ियाँ खरीदी। इसके बाद जैसे ही गाड़ियाँ भारत में पहुँची, महाराजा जय सिंह ने यह सभी गाड़ियाँ नगरपालिका को दे दी और उनको यह भी आदेश दिया कि आज से इन गाड़ियों में ही कचरा उठाने का कार्य किया जाएगा। आगे पढ़ें:

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राजा ने जब नगरपालिका को इस तरह का आदेश दिया, तब इस के बाद ‘रोल्स रॉयस’ की गाड़ियों का सभी मज़ाक उड़ाने लगे। लोग इन खरीदना पसंद नहीं करते थे सब सोचते थे कि जिन गाड़ियों में भारत के लोग कचरा ढोते हैं ऐसी गाड़ियों को हम क्यों खरीदें। ऐसा कहा जाता है कि बाद में इस कंपनी ने राजा जयसिंह को एक माफी पत्र लिखा और अपने कर्मचारियों द्वारा किए गए ऐसे बुरे व्यवहार के लिए उनसे माफी भी मांगी थी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी निवेदन किया कि रोल्स रॉयस कंपनी की गाड़ियों से कचरा उठाने का कार्य बंद करवा दिया जाए। महाराजा जय सिंह ने कंपनी का यह निवेदन स्वीकार किया और उसे माफ़ कर दिया, साथ ही उन्होंने इन गाड़ियों से कचरा उठाने का कार्य भी बंद करवा दिया। महाराजा जयसिंह के इस कार्य से ऐसे लोगों को अच्छा सबक मिलता है जो मनुष्यों की पहचान उसके वस्त्रों से करते हैं जब तू किसी मनुष्य की पहचान उसके कपड़ों से नहीं होती है। किसी गरीब व्यक्ति का तिरस्कार करना भी ठीक नहीं है, हमें गरीब अमीर ऊंच-नीच जैसे भेद नहीं रखनी चाहिए।


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