उत्तराखंड का सर्वश्रेष्ठ पुलिसकर्मी कौन है? सवाल सामने आते ही आपके दिमाग में प्रदेश के बेहतरीन पुलिस अधिकारियों के नाम दिमाग में घूमने लगेंगे, लेकिन जरा रुकिए। इस बार कोई भी जवाब आपको गलत साबित करने वाला होगा। उत्तराखंड पुलिस के सर्वश्रेष्ठ कर्मी का पुरस्कार इस बार किसी मेल या फीमेल पुलिसकर्मी ने नहीं जीता है। पुरस्कार गया है कैनाइन कैट्टी को। जी हां, आपने सही सुना। जर्मन शेफर्ड नस्ल के कैट्टी को उत्तराखंड पुलिस के कैनाइन दस्ते में शामिल किया गया है। इसने अपराध को हल करने में अपनी काबिलियत से यह पुरस्कार अपने नाम किया है। कैट्टी की तैनाती उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले की पुलिस बल में है। कैट्टी महज 30 सेकेंड में सूंघकर संदिग्ध के बारे में बता दिया। अपराध की मिस्ट्री को हल करने में मदद की। इस कारण उसे महीने के सर्वश्रेष्ठ पुलिसकर्मी के रूप में नामित किया गया है।
उत्तराखंड पुलिस के समक्ष मार्च माह में एक हत्या का मामला सामने आया। 6 मार्च को मर्डर का केस दर्ज किया गया। 21 वर्षीय शाकिब अहमद नाम के युवक को मृत पाया गया। उसके शरीर पर चोट के निशान थे। शाकिब के शव को उधम सिंह नगर के जसपुर थाना क्षेत्र में एक खेत से बरामद किया गया। मामले की जांच शुरू हुई। जर्मन शेफर्ड कट्टी को जांच में शामिल किया गया। उसे शाकिब के खून से सने कपड़े को सूंघने के लिए कहा गया। ये कपड़े शाकिब के शरीर से कुछ मीटर की दूरी पर मिला था। पुलिस ने बाद में शाकिब के परिवार के सदस्यों सहित संदिग्धों को एक तरह की पहचान परेड में उसके सामने एक पंक्ति में खड़े होने के लिए कहा।
कपड़ा सूंघने के 30 सेकंड के भीतर कैट्टी ने शाकिब के चचेरे भाई कासिम पर भौंकना शुरू कर दिया, जो लाइन में दूसरे स्थान पर खड़ा था। कैट्टी ने संकेतों में साफ कर दिया कि कासिम अपराधी है। उधम सिंह नगर एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने कहा कि कैट्टी की पहचान के आधार पर हमने कासिम से पूछताछ की। पुलिस की पूछताछ में कासिम टूट गया और गुनाह कबूल कर लिया। उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
उधम सिंह नगर एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने कैट्टी के इस इन्वेस्टिगेशन की सराहना की। उन्होंने उसे जिले के कैनाइन स्क्वायड का गौरव बताया। पुलिस विभाग ने 7 मार्च को कट्टी को 2500 रुपए के नकद इनाम के साथ-साथ ‘महीने के सर्वश्रेष्ठ कर्मियों’ के पुरस्कार की भी घोषणा की। एसएसपी ने कहा कि यह पहला ऐसा उदाहरण होगा, जब राज्य में कैनाइन स्क्वाड के किसी सदस्य को पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। कैट्टी के प्रयासों की सराहना करते हुए जसपुर के एसएचओ पीएस दानू ने कहा कि कैट्टी की मदद के बिना पुलिस को मामले को सुलझाने में समय लगता।
एसएचओ दानू ने कहा कि हमारी सामान्य प्रक्रिया में सीसीटीवी फुटेज की जांच, कॉल डिटेल्स को स्कैन करना और स्थानीय लोगों से पूछताछ करना शामिल होता। कट्टी के इन्वेस्टिगेशन को लेकर पहले कुछ संदेह था, क्योंकि खून से सना कपड़ा किसी और ने नहीं बल्कि कासिम ने छुआ था। पूछताछ हुई तो कई तरह की बातें सामने आई। हालांकि, बाद में साफ हुआ कि आरोपी ने नशे की हालत में 5 मार्च की रात शाकिब की हत्या कर दी।
कैट्टी को उत्तराखंड पुलिस के डॉग स्क्वायड में वर्ष 2016 में शामिल किया गया। उसके हैंडलर योगेंद्र राघव कहते हैं कि यह पहली बार नहीं है, जब कैट्टी ने संदिग्धों को पकड़ने में पुलिस की मदद की। उन्होंने कहा कि 2016 में सेवा में शामिल होने के बाद उसने अब तक जिले में कम से कम सात हत्या के मामलों, लूट, बलात्कार और अन्य गंभीर अपराधों को सुलझाने में मदद की है। लगभग एक सप्ताह पहले उसने जिले के किच्छा इलाके में एक अन्य हत्या के मामले में आरोपी को पकड़ा।