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रुद्रप्रयाग: राष्ट्रीय स्मारक घोषित होगा तुंगनाथ टेम्पल, दुनियां में सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव का मंदिर

तुंगनाथ महादेव मंदिर दुनिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिरों में से एक है, और यह रुद्रप्रयाग जिले में तुंगनाथ की पर्वत श्रृंखला में स्थित पांच पंच केदार मंदिरों में से सबसे ऊंचा मंदिर है। तुंगानाथ जिसका शाब्दिक अर्थ: चोटियों के भगवान है यह पर्वत मंदाकिनी और अलकनंदा नदी घाटियों का निर्माण करते हैं। तुंगनाथ महादेव मंदिर समुन्द्र तल से 3,680 मीटर (12,073 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है, और चंद्रशिला के शिखर के नीचे है। माना जाता है कि यह मंदिर 1000 साल से भी अधिक पुराना है और पंच केदारों में तीसरा (तृतीया केदार) है।

तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाएगा। इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने राष्ट्रीय स्मारक को लेकर आपत्तियां मांगी है। रुद्रप्रयाग जिले में तुंगनाथ मंदिर एशिया में समुद्रतल से सबसे ऊंचाई पर स्थित शिवालय है। लंबे समय से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से मंदिर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की कवायद चल रही है। पुरातत्व विभाग के प्रभारी अधिकारी देवराज सिंह रौतेला ने बताया कि प्राचीन मंदिर तुंगनाथ को राष्ट्रीय महत्व स्मारक घोषित करने के लिए केंद्र सरकार ने 27 मार्च, 2023 को अधिसूचना जारी की है।

प्राचीन स्मारक को राष्ट्रीय महत्व को घोषित करने पर यदि कोई आपत्ति या सुझाव हो तो इस अधिसूचना जारी होने की तारीख से दो महीने के भीतर महानिदेशक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण नई दिल्ली को आपत्तियां भेज सकते हैं। रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय से तुंगनाथ मंदिर की दूरी 70 किमी. है। चोपता से 3 किमी. पैदल चढ़ाई तक मंदिर में पहुंचते हैं।


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