पिछले कुछ समय से रोजगार के अवसर लगातार कम हुए हैं और इसके पीछे सबसे बड़ा कारण रहा है कोरोना संक्रमण। कोरोना काल के शुरुआत से ही राज्य में बेरोजगारी अपने चरम पर है और इस बेरोजगारी ने न जाने कितने ही युवाओं की जान भी ली है। कई लोग इस दौरान अवसाद में आए हैं और उन्होंने आत्महत्या का रास्ता चुना है। कमा न सकने की वजह से बेरोजगार युवा अवसाद में आ रहे हैं और आत्महत्या जैसा कदम उठा रहे हैं। उत्तराखंड में भी आत्महत्या के केसों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
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ऐसा ही एक नया मामला सामने आ रहा हैं जहाँ हल्द्वानी में एक 35 वर्षीय युवक ने बेरोजगारी से परेशान होकर अपनी जिंदगी खत्म कर दी है। युवक अपनी नौकरी छूटने की वजह अवसाद में था और इसी कारण उसने अपनी जान देना मुनासिब समझा। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हाउस में भेज दिया। इस घटना का पता तब चला जब मृतक की मां उनके कमरे में पहुंची और अपने बेटे को पंखे के फंदे से लटकता हुआ पाया। हादसे के बाद से मृतक की मां का रो-रो कर बुरा हाल है।
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हल्द्वानी जिले के ग्राम सभा हिम्मतपुर बैजनाथ के 35 वर्षीय नरेंद्र सिंह अपने परिवार के साथ रहते थे। नरेंद्र सिंह पटवाल की शादी 2007 में जानकी से हुई थी। तन्मय और परी नाम की उनके दो बच्चे भी हैं। नरेंद्र सिंह पटवाल गुरुग्राम में नौकरी करते थे और उनके साथ में उनकी पत्नी जानकी बेटी परी और बेटा तन्मय भी रहते थे। कोरोना काल में उनकी नौकरी छूट गई और वे अपने घर हल्द्वानी वापस लौट आए। जबकि उनकी पत्नी जानकी बेटी परी के साथ मायके में चली गई। बेरोजगार होने से नरेंद्र बेहद परेशान चल रहे थे और उन्होंने आखिरकार आत्महत्या करने का फैसला लिया। उस रात उन्होंने अपनी पत्नी से फोन पर बात भी की।बीते रविवार की रात को नरेंद्र अपने कमरे में सोने गए और उसी रात उन्होंने अपनी जिंदगी समाप्त कर दी।