उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में जहरीली शराब के सेवन से अब तक 34 लोगों की मौत होने से पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया है। जहरीली शराब पीने से बीमार 70 से ज्यादा लोगों का देहरादून और हरिद्वार के सरकारी और निजी अस्पतालों में उपचार चल रहा है। सिविल अस्पताल रुड़की में भर्ती 49 लोगों में से 32 की शनिवार सुबह अचानक तबीयत बिगड़ गई। उन्हें एक के बाद एक छाती में दर्द, धुंधला दिखने, सांस लेने में तकलीफ और उल्टी की शिकायत होने लगी। आनन-फानन में इन सभी को देहरादून और हरिद्वार के लिए रेफर किया गया। सभी की हालत नाजुक बताई जा रही है। वहीं हरिद्वार और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में 100 से अधिक लोगों को मौत की नींद सुलाने वाले इस जहरीली शराब कांड से दोनों राज्यों की जनता में रोष व्याप्त है।

बीते गुरुवार यानी 7 फरवरी को हरिद्वार जिले के बाल्लुपुर गांव में किसी की तेरहवीं थी। खाना खाने के बाद यहां से लौटते समय 100 से अधिक ग्रामीणों ने गांव से कच्ची शराब खरीदी थी। बताया जा रहा है कि तेरहवीं से जाने के बाद शराब पीने से लोगों की हालत बिगड़ने लगी। शुक्रवार सुबह झबरेड़ा और भगवानपुर क्षेत्र के छह गांवों में मौत का कहर टूट पड़ा। यहां के बिंडुखड़क, बाल्लुपुर, भलस्वागाज, जहाजगढ़, नन्हेड़ा, अनंतपुर, चूड़ियाला, माणकपुर गांवों के 20 लोगों को सीने में तेज दर्द और चक्कर आने की शिकायत हुई। इसके बाद उनकी मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही शासन और प्रशासन में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही आईजी गढ़वाल अजय रौतेला, डीएम दीपक रावत, एसएसपी जन्मेजय प्रभाकर खंडूड़ी ने मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी ली। वहीं इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत के बाद आबकारी निरीक्षक समेत 13 अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया। एसएसपी ने भी झबरेड़ा थानाध्यक्ष, चौकी प्रभारी और हलका कांस्टेबल को निलंबित कर पुलिस क्षेत्राधिकारी (मंगलौर) के नेतृत्व में मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया। आबकारी मंत्री प्रकाश पंत ने घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए गए।


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