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उत्तराखंड के इस विश्वविद्यालय ने रचा इतिहास, अब चार गुना अधिक बैकअप देगा मोबाइल व लैपटॉप

जबसे स्मार्ट फोन का जमाना आया है जिस एक सबसे बड़ी समस्या से सभी लोग परेशान होते हैं वो है इन सभी फोन का बैटरी बैकअप, निराश परेशान होकर कई बार लोग इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए नये फोन और नयी बैटरी भी खरीदते रहते हैं पर अब बहुत जल्द ही आपको इस परेशानी से मुक्ति मिलने वाली है। क्यूंकि मोबाइल फोन व लैपटॉप की बैटरी को उत्तराखंड में गोविंद वल्लभ पंत कृषि व प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने दीर्घजीवी बना दिया है यानी बैटरी के जल्द खत्म हो जाने की समस्या से आपको निजात मिलनी वाली है। सस्ती एवं उच्च ऊर्जा संरक्षित बैटरी के लिए ग्रेफाइट युक्त इलेक्ट्रोड के निर्माण में सफलता हासिल करने के बाद अब विश्वविद्यालय इसके पेटेंट की तैयारी कर रहा है।

में गोविंद वल्लभ पंत कृषि व प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग प्रमुख डॉ. एमजीएच जैदी के निर्देशन में यह शोध करने वाली टीम की पिछले सात वर्षों की मेहनत का फल है और इस विषय पर अब तक बारह शोध पत्र भी प्रकाशित किये जा चुके हैं। पिछले कुछ समय से ऊर्जा (पेट्रोलियम, कोयला, सोलर आदि) के उत्पादन एवं संरक्षण में अत्यधिक जरूरत महसूस की जा रही है जिसके लिए पूरी दुनियां अपने अपने स्तर पर प्रयास करने में जुटी हुई है और अब विश्वविख्यात जीबी पंत विवि पंतनगर ने इसमें इतिहास रचते हुए एक बार फिर अपना लोहा पूरी दुनियां को मनवाया है।

विवि के शोधार्थियों ने अपनी प्रतिभा और काबिलियत के बल पर इलेक्ट्रोड के माध्यम से दो हजार फैरेट (चार्ज की स्टोरेज करने की क्षमता) प्रति ग्राम तक की ऊर्जा का उत्पादन कर दिखाया है। भविष्य में इस प्रकार के इलेक्ट्रोड लीथियम आयन (क्लोराइड या सॉल्ट) बैटरियों की दक्षता बढ़ाने में सहायक होंगे और यही इलेक्ट्रोड मोबाइल व लैपटॉप जैसे अन्य उत्पादों की बैटरियों की चार्जिंग क्षमता व बैकअप का निर्धारण करते हैं, और अब अगर विवि का यह शोध व्यावसायिक तौर पर अमल में आ जाता है तो इसके क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलने वाले हैं।


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