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कोरोना लॉकडाउन: उत्तराखंड के एक जिले में लौटे 43 हजार प्रवासी, जानें किस प्रदेश से कितने लोग आए वापस

चमोली जिले में कोरोना काल में अब तक 43 हजार प्रवासी अपने घर लौट आए हैं। जबकि अभी भी प्रवासियों की घर वापसी का सिलसिला जारी है। विगत 3 मई से अब तक के आंकड़ों पर नजर डाले तो चमोली जनपद में 42989 प्रवासी देश-विदेश से अपने घर पहुंचे हैं। घर-गांव लौटे प्रवासियों में बहुत से लोगों का सपना है कि अब अपने घर-गांव में ही अपना भविष्य बनाएंगे। कोरोना की इस घड़ी में रोजगार खत्म होने और बीमारी के संक्रमण की चिन्ता से देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ विदेशों में रह कर जो लोग रोजी रोटी कमाते थे वे विवशता में अपने गांव लौट रहे हैं।

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चमोली में अब तक यूपी से 3057, गुजरात से 504, राजस्थान से 1029, मध्यप्रदेश से 154, हिमाचल से 314, दिल्ली से 4517, पंजाब से 1112, हरियाणा से 3070, महाराष्ट्र से 1065, आन्ध्र प्रदेश से 188, दमनदीप से 26।  जम्मू-कश्मीर से 137, गोवा से 198, दादार एण्ड नगर हवेली से 159, तमिलनाडु से 53, पश्चिम बंगाल  से 40, बिहार से 111, कर्नाटका से 182, तेलंगाना से 29, अरुणांचल प्रदेश से 21, केरला से 52, छत्तीसगढ़ से 8। अंडमान निकोबार से 14, झारखंड से 19, असम से 60, लद्दाख से 5, नागालैंड से 8, मणीपुर से 4, मालद्वीप से 2, सिक्किम से 4, दुबई से 2, कुवैत से 6, यूएई से 1, यूनाइटेड अरब से 1, थाइलैंड से 2, वियतनाम और इंडोनेशिया से एक-एक प्रवासी घर लौटे हैं। देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर एवं अन्य जनपदों से 26833 प्रवासी अपने घर गांव लौटे हैं ।

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जिला उद्योग विभाग के महाप्रबंधक डा. एमएस सजवाण बताते हैं कि प्रवासी अपने घर -गांव  में ही रहकर अपना भविष्य बनाना चाहते हैं। जो प्रवासी घर लौटे हैं उनका डाटाबेस भी तैयार किया गया है। प्रवासियों को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं अन्य विभागीय योजनाओं की जानकारी दी जा रही है और उनको अपने घर पर ही स्वरोजगार से जोड़ने का अभियान चलाया गया है। इस योजना के तहत 150 तरह के कार्य किए जा सकते है। जिन क्षेत्रों में लोग कार्य करना चाहते हैं। डेयरी , सब्जी उत्पादन  , मत्स्य पालन के क्षेत्र में प्रवासी कार्य करना चाहते हैं। इसके साथ ही  पौधा नर्सरी व समेत अन्य क्षेत्र में भी प्रवासी कार्य करे के इच्छुक है।

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