जबसे ये एक तस्वीर सोशल मीडिया पर आयी है, आते ही इस एक फोटो ने उत्तराखंड भाजपा की पेशानी पर बल डाल दिया है। बात करें इस फोटो की तो कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की पूर्व मुख्यमंत्री व एआईसीसी के महासचिव हरीश रावत के साथ है। इस तस्वीर में प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी बैठे नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर के वायरल होने के बाद इसके सियासी निहितार्थ भी टटोले जाने लगे हैं।
पत्रकारिता के अनुभव चश्मा आंखों पर चढ़ाकर देखें तो हो सकता है कि ये आने वाले चुनाव का ट्रेलर हो? आज के दौर की राजनीति कहती है कि उत्तराखंड कांग्रेस में हरदा बूढ़े घोड़े हो गए हैं और सत्ता की दौड़ लगाने में फिलहाल तो अक्षम हैं। या यूं कहें कि हरदा को साफ पता है कि इस बार दांव नए और युवा चेहरे पर लगाना ही ठीक है। उधर किसी जमाने में कांग्रेस के ही बागी रहे विजय बहुगुणा, जिन्हें बीजेपी में जाकर कुछ भी हासिल नहीं हो पाया है। शायद कुछ पाने की चाहत उन्हें इस तस्वीर में दूसरा चेहरा बना गई। तीसरा चेहरा और सबसे अहम रोल किशोर उपाध्याय का नजर आ रहा है।
क्यूंकि उत्तराखंड में दूसरी बड़ी कांग्रेस नेता इंदिरा हृदयेश का है लेकिन अब उनकी भी उम्र हो गयी है। और अब अगर बात करैं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की तो उनकी जौनसार में ही अच्छी पकड़ है इसके अलावा गढ़वाल और कुमाऊं में उनकी उतनी स्वीकारोक्ति नहीं है। और दूसरी तरफ किशोर उपाध्याय हैं जिनकी गढ़वाल और कुमाऊं के अलावा प्रदेश कांग्रेस में अच्छी पकड़ के साथ-साथ केन्द्रीय नेत्रित्व पर भी एक अच्छी पकड़ है। तो हो सकता है अगली बार 2022 का चुनाव किशोर उपाध्याय को ही केंद्र में रखकर उत्तराखंड कांग्रेस लड़ती हुई दिखायी दे।