केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द (Ram Nath Kovind) के नेतृत्व में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के लिए एक समिति का गठन किया। समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के मुताबिक यह जानकारी दी है। सरकार के द्वारा 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने का एलान किया गया था, जिसके बाद से ही यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि इस पांच दिवसीय सत्र के दौरान सरकार ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक पेश कर सकती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी विधानसभा और आम चुनाव एक साथ कराने के विचार पर जोर दे रहे हैं। एक साथ दोनों चुनाव कराने से चुनाव कराने की लागत कम हो जाएगी। सरकार के लिए समय भी बचेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भाजपा सरकार समय से पहले लोकसभा चुनाव कराने का फैसला कर विरोधी दलों को चौंका सकती है। दरअसल एक देश-एक चुनाव भाजपा के चुनावी एजेंडे में सबसे उपर है। भाजपा ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में एक राष्ट्र एक चुनाव को प्रमुख चुनावी वादे के रूप में शामिल किया था। ऐसे में जब अगले साल मार्च-अप्रैल महीने में लोकसभा चुनाव प्रस्तावित है तब मोदी सरकार समय से पहले लोकसभा चुनाव करा सकती है। ऐसे में साल के अंत में होने वाले मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ औऱ राजस्थान के साथ होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ लोकसभा चुनाव कर लें।
2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी के चेहरे को चुनौती देने के लिए इस वक्त कई विपक्षी दल एकजुटता की मुहिम में लगे हुए है। लोकसभा चुनाव में विपक्षी दल एक साझा मोर्चा बनाकर भाजपा को चुनौती देने की तैयारी में है। एक देश-एक चुनाव की खबर ऐसे समय सामने आई है जब मुंबई में लोकसभा चुनाव में मोदी को रोकने के लिए विपक्षी दलों की बैठक हो रही है ऐसे में विपक्षी दलों की एकजुटता मुहिम को रोकने के लिए मोदी सरकार लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव कराने का दांव चल सकती है।