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उत्तराखंड में मुस्लिम लड़के को मंदिर के पास भीड़ से बचाने वाले गगनदीप सिंह को अवार्ड मिल गया

आपको गगनदीप सिंह नाम सुनते ही धुंधला धुंधला सा कुछ याद आ रहा होगा, की कुछ तो था इस नाम में जो कुछ समय पूर्व सुर्ख़ियों में रहा था, पर चलिए अगर आपको याद नहीं आ रहा तो अगर हम एक सरदार जी को पुलिस की वर्दी में दिखा दें तो शायद आपकी स्मृति से वो धुंधलापन हट जायेगा और आपको फोटो देखते ही वो पूरा किस्सा याद भी आ जायेगा। दरसल गगनदीप सिंह उत्तराखंड पुलिस में सब-इंस्पेक्टर हैं, कुछ समय पहले इन्होने और मुस्लिम युवक को मॉब लिंचिंग का शिकार होने से बचाया था और अब उत्तराखंड सरकार ने उन्हें 15 अगस्त के मौके पर उनकी बहादुरी का इनाम दिया है। उत्तराखंड की राज्य सरकार ने गगनदीप सिंह को ‘सराहनीय सेवा सम्मान चिह्न’ दिया है और उन्हें ये सम्मान उत्तराखंड के DGP अनिल रतूड़ी ने उन्हें ये मेडल पहनाकर दिया।

क्या थी वो घटना?

नैनीताल जिले के रामनगर में प्रसिद्ध गिरिजा देवी का मंदिर है और इसके आस-पास पूरा जंगल का इलाका और एक नदी भी है, बात 22 मई 2018 की है जब नदी के किनारे पर एक युवक और एक युवती बैठी हुई थी, और उन दिनों यहाँ मंदिर में कुछ आयोजन भी चल रहा था जिसके कारण यहाँ भीड़ भी काफी अधिक थी तो कुछ लोगों की नजर इस जोड़े पर पड़ गयी। उसके बाद इस जोड़े से पूछताछ शुरू की गयी जिसपर पता चला कि लड़की हिन्दू समुदात से है तो वहीँ लड़का मुस्लिम है जिसपर कुछ देर में ही हंगामा शुरू हो गया और वहां मौजूद कुछ हिन्दू संगठनों ने युवक की पिटाई शुरू कर दी।

क्या रही थी सब-इंस्पेक्टर गगनदीप सिंह की भूमिका?

इस घटना के समय गगनदीप सिंह की ड्यूटी भी मंदिर परिसर के आसपास ही थी तो जैसे ही इस बात की खबर उन्हें लगी वो तुरंत घटना स्थल पर पहुँच गये थे, वो उस भीड़ से मुस्लिम युवक को बचाने के प्रयास में जुट गये और अकेले ही वो भीड़ को युवक से दूर करने के प्रयासों में जुटे रहे और अंत में इसमें सफल भी रहे, इस पूरे घटनाक्रम के फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए जिसके बाद इस घटना को देश के अलावा विदेशों में भी खूब कवरेज मिली थी। गगनदीप सिंह की पूरी दुनियां में वाहावाही हो रही थी, पर कुछ कट्टरपंथियों ने उनसे नाराजगी भी जताई थी पर इनकी संख्या उन लोगों से बहुत कम थी जो गगनदीप सिंह की तारीफ कर रहे थे।

इस घटना के बाद ये खबर भी खूब प्रचारित की गयी कि प्रदेश की भाजपा सरकार गगनदीप सिंह से नाराज है और इसी कारण उन्हें छुट्टी पर भी भेज दिया है क्यूंकि गगनदीप सिंह का ये काम भाजपा सरकार के हिंदुत्ववादी अजेंडे से मेल नहीं खाता है। पर हकीकत में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है क्यूंकि कोई भी मैडल सरकार ही देती है और सरकार की तरफ से ही  DGP अनिल रतूड़ी उनके सीने पर मैडल टांका है।


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