बाबा नीब करौरी महाराज के कैंची धाम में इस बार 15 जून को मेला नहीं लगा। इस दिन आश्रम का स्थापना दिवस होता है और भक्तों को इस अवसर का साल भर इंतजार रहता है। इस बार हल्द्वानी में भंडारा ओयाजित किया गया है। यहां के कुछ श्रद्धालुओं ने दो हजार लोगों के लिए मालपुए और आलू का झोल बनाया है। यह प्रसाद शुद्ध घी से बनाया गया है। जिसे घर-घर जाकर बांटा जाएगा। 56 वर्षों में यह पहला मौका है, जब कोरोना संक्रमण के चलते स्थापना दिवस पर कैंची धाम में भक्तों का रेला नहीं लगा। मंदिर समिति के सदस्यों ने भोग लगाया और स्थापना दिवस की औपचारिकता पूरी की।
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दुनिया की सबसे दिग्गज कंपनियों में से एक एप्पल के सस्थापक स्टीव जॉब्स को 80 के दशक में अपने मुश्किल वक़्त में बाबा की शरण में आना पड़ा था। एक किताब में जॉब्स ने खुद इस बात की पुष्टि की है। यही नहीं, यहां के अध्यात्म से वह बेहद प्रभावित हुए और सोशल मीडिया की दिग्गज फेसबुक के सस्थापक मार्क जकरबर्ग को भी उन्होंने कैंची धाम जाने के लिए प्रेरित किया। जिस वक्त मार्क जकरबर्ग यहां पहुंचे उस वक्त वे अपने करियर के मुश्किल दौर से गुजर रहे थे। जकरबर्ग ने खुद इस बात का खुलासा किया था कि उन्हें कैंची धाम का अपना अनुभव एप्पल के सस्थापक स्टीव जाॅब्स ने बताया था। जकरबर्क इसके बाद ही यहां पहुंचे थे। जकरबर्ज ने उस वक्त कैंची धाम में तकरीबन पूरा एक हफ्ता गुजारा था। इस एक हफ्ते के समय ने ही जकरबर्ग को नई ऊर्जा से ओतप्रोत कर दिया।