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मूल निवास प्रमाण-पत्र धारकों को अब स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाने की बाध्यता नहीं होगी: CM धामी

राज्य में मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों को स्थाई निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए विभाग अब बाध्य नहीं कर पाएंगे। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में सचिव  विनोद सुमन की ओर से आज इस संबंध में आदेश जारी किए हैं कि उक्त आदेशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। शासन के संज्ञान में यह तथ्य लाया गया था कि राज्य में सेवायोजन, शैक्षणिक संस्थाओं, प्रदेश में अन्य विभिन्न कार्यों हेतु उत्तराखंड के मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों को संबंधित विभागों, संस्थाओं व संस्थानों द्वारा स्थाई निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये जाने के लिए बाध्य किया जा रहा है, जबकि इस सम्बन्ध में सामान्य प्रशासन विभाग के शासनादेश संख्या 60 / CM /  xxxi (13) G /07-87(3)/2007 दिनांक 28 सितम्बर 2007 के द्वारा मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों के लिये स्थायी निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता न होने के सम्बन्ध में स्पष्ट निर्देश पूर्व में ही दिये गये हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने इस प्रकरण को गंभीरता से लिया। उन्होंने शासन को इस दिशा में उचित कदम उठाने के निर्देश दिए। इसी क्रम में बुधवार को सचिव सामान्य प्रशासन विनोद कुमार सुमन ने आदेश जारी किया। इस आदेश में स्पष्ट किया गया है कि 20 नवंबर 2001 को जारी शासनादेश में राज्य के विभिन्न कार्यों के लिए स्थायी निवास प्रमाण पत्र जारी करने की व्यवस्था की गई है। वहीं, 28 सितंबर 2007 को जारी शासनादेश में यह स्पष्ट किया गया कि मूल निवास प्रमाण धारकों के लिए स्थायी निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी।


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