उत्तराखंड के लिए एक बार फिर से बड़ी खबर है और वह ये कि सेवानिवृत आईएएस अधिकारी भास्कर खुलबे को प्रधानमंत्री का सलाकार नियुक्त किया गया है। इसके अलावा अमरजीत सिन्हा को भी यह अहम जिम्मेदारी दी गयी है। एक सरकारी आदेश में शुक्रवार 21 फरवरी को इस बात की जानकारी दी गई। आदेश में कहा गया है कि दोनों अधिकारियों को कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने सचिव के समान पद एवं वेतनमान पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।
आपको बता दें भास्कर खुल्बे उत्तराखंड के नैनीताल में पले बढ़े हैं। उन्होंने कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर से 1979 में जूलॉजी से एमएससी की थी। वह अपने बैच के टॉपर रहे हैं। भास्कर का चयन भारतीय सेना में अधिकारी के पद के लिए हो गया था। उन्होंने छह माह तक ट्रेनिंग भी की लेकिन मेडिकल कारण से उन्हें वापस आना पड़ा। भास्कर ने जेआरएफ की परीक्षा उत्तीर्ण कर प्रो. जेएस बिष्ट के निर्देशन में पीएचडी शुरू कर दी थी। 1982 में उनका चयन इंडियन फॉरेस्ट सर्विसेज के लिए हो गया था और इसमें वे अखिल भारतीय स्तर पर तीसरे स्थान पर रहे थे। आईएफ एस की ट्रेनिंग के दौरान भी वे पढ़ाई में लगे रहे और अंतत: उनका चयन आईएएस में हो गया।
मूलरूप से अल्मोड़ा के भिकियासैंण और नैनीताल के निवासी खुल्बे प्रधानमंत्री मोदी के सलाहकार जैसे महत्वपूर्ण पद पर पहुंचने वाले क्षेत्र के पहले आईएएस हैं। भास्कर खुल्बे पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु के करीबी अधिकारी रहे। उनके साथ भी उन्होंने अहम जिम्मेदारी निभाई थी। उनके पिता स्वर्गीय ख्यालीराम खुल्बे ठेकेदार थे। तल्लीताल रिक्शा स्टैंड के ऊपर उनका निवास था। 1979 में उन्होंने डीएसबी से शिक्षा हासिल की। उनके दो भाई नवीन व जीवन बैंक अधिकारी रह चुके हैं।