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सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का विवादित बयान बोले बदरीनाथ धाम भी आठवीं शताब्दी तक बौद्ध मठ था

वाराणसी स्थित ज्ञानवापी में सर्वे को लेकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बड़ा बयान दिया है. एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने ज्ञानवापी परिसर में हो रहे सर्वे पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने मांग की है कि अगर ज्ञानवापी में सर्वे हो रहा है तो देश के सभी मंदिरों का भी सर्वे होना चाहिए. इंटरव्यू में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि 8वीं शताब्दी तक बद्रीनाथ धाम भी बौद्ध मठ हुआ करता था. आदि शंकराचार्य ने उसे हिन्दू मंदिर बना दिया. ऐसे में अगर किसी एक की बात चलेगी तो फिर सभी तीर्थस्थलों की बात चलेगी.

मौर्य ने कहा कि हम गढे़ मुर्दे उखाड़ना नहीं चाहते हैं इसलिए आज तक इस मुद्दे को नहीं उठाया है. मैं हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में सब भाई-भाई में विश्वास रखता हूं. हम आपसी भाईचारे और सौहार्द्र में भरोसा रखते है. हम समाज को बांटने में नहीं बल्कि जोड़ने में यकीन रखते हैं. स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने दावा क‍िया क‍ि देश के ज्‍यादातर मंद‍िर बौद्ध धर्मस्थलों को तोड़ कर बनाए गए हैं। ज्ञानवापी परिसर के सांइटिफिक सर्वे मसले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामला चल रहा है। बहस के दौरान मंदिर पक्ष के अधिवक्ता विष्णु जैन ने बुधवार को कहा कि वाराणसी में जिला जज के समक्ष अर्जी में कहा गया है कि गुंबद के नीचे स्ट्रक्चर है। सत्यता पता करने के लिए एएसआई सर्वे कराया जाए। वहां मंदिर है इसका साक्ष्य साइंटिफिक सर्वे से ही मिलेगा।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पर कहा कि करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र भू बैंकुठ श्री बदनीनाथ धाम पर समाजवादी पार्टी के नेता की टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है। महाठगबंधन के एक सदस्य के रूप में समाजवादी पार्टी के एक नेता द्वारा दिया गया यह बयान कांग्रेस और उसके सहयोगियों की देश व धर्म विरोधी सोच को दर्शाता है। यह विचार इन दलों के अंदर सिमी और पीएफआई की विचारधारा के वर्चस्व को भी प्रकट करता है।


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