प्यार में टूटकर बहुत से आशिक बिखर जाते हैं। लेकिन कुछ लोग अपनी कमजोरी को ताकत बना लेते हैं। ऐसे ही शख्स हैं देहरादून 21 वर्षीय दिव्यांशु बत्रा। लॉकडाउन के दौरान जब दुनिया अकेलेपन का साथी खोज रही थी तब इस नौजवान का ब्रेकअप हो गया। दरअसल, यह मोहब्बत हाई-स्कूल वाली थी। आप भी समझते होंगे कि इस उम्र में जब दिल टूटता है तो खाना क्या, अरिजीत सिंह के गाने भी जुंबा पर नहीं आते। बड़ा दुखद समय चल रहा था। वो है ना गाना ‘छन से जो टूटे कोई सपना जग सुना सुना लागे…।’ कुछ वैसे ही… बंदा 6 महीनों तक डिप्रेस्ड रहा और ज्यादातर वक्त पबजी खेलने में बिताने लगा। लेकिन एक दिन दिव्यांशु ने फैसला किया कि वो कैफे खोलेगा, जिसके बाद काफी कुछ बदल गया।
दरअसल, 6 महीने तक डिप्रेस्ड रहने के बाद दिव्यांशु ने फैसला किया कि वो अब और शोक नहीं मनाएगा। उसने एक कैची (आकर्षक) नाम के साथ ऐसा कैफे खोलने का सोचा, जो उसके टूटे दिल की कहानी कहे और लोग खुद को उससे जोड़ सकें।
दिव्यांशु ने बताया कि, ‘मां मेरा साथ देती हैं। पर पापा कैफे के नाम (दिल टूट आशिक चाय वाला) से खुश नहीं थे। लेकिन जब एक दिन उनका दोस्त जो इस बात से अंजान था कि वह कैफे मेरा है, उसने कैफे के खाने और उसके माहौल की तारीफ की। तब जाकर मेरे पापा भरोसा हुआ कि मैं कुछ अच्छा कर रहा हूं।’
कैफे खोलने की वजह के बारे में दिव्यांशु ने कहा, मैं चाहता था कि लोग मेरे कैफे में आए और अपनी ब्रेकअप की कहानियां शेयर करें। ताकि मैं उस दुख से बाहर निकलने में उनकी मदद कर सकूं और वह जिंदगी में आगे बढ़ सकें। मैं इसमें सफल हो रहा हूं। क्योंकि अब लोग कैफे का नाम देखकर आ रहे हैं। साथ ही, अपनी ब्रेकअप की कहानियां भी मेरे साथ शेयर करते हैं। फिलहाल, दिव्यांशु अपने छोटे भाई राहुल बत्रा के साथ कैफे संभाल रहा है।