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रिकॉर्ड चौथी बार रूस के राष्ट्रपति बने व्लादिमीर पुतिन, मकसद देश को दुनियां का सबसे शक्तिशाली मुल्क बनाना

हमें अपना बचपन अच्छे से याद है जब क्लास में हमारे टीचर रट्टा मार मारकर हमशे ये याद कराते थे, बात 1999-2000 की होगी जब हमें ये याद करना होता था कि  भरात के प्रधानमंत्री कौन हैं तो जवाब होता था श्री अटल बिहारी बाजपेयी, अमेरिका के राष्ट्रपति कौन हैं बिल क्लिंटन, रूस के राष्ट्रपति कौन हैं व्लादिमीर पुतिन पर अगर अब पिछले 20 सालों पर गौर करैं तो अब रूस के राष्ट्रपति का नाम याद करने की जरुरत नहीं पढ़ती है क्यूंकि वो तब भी व्लादिमीर पुतिन थे और आज साल 2018 में भी व्लादिमीर पुतिन हैं और अगले 6 सालों तक यानी 2024 तक वही रहेंगे और हो सकता है उसके आगे भी फिर वही रहें क्यूंकि अभी तो उनकी उम्र भी मात्र 65 सालों की ही है।

कल यानी रविवार को हुए आम चुनावों में एक बार फिर व्लादिमीर पुतिन को 76% वोट हासिल हुए हैं और और दूसरे नंबर पर रहने वाले पावेल ग्रुडिनिन को मात्र 11.8% वोट ही हासिल हुए हैं हालाँकि विपक्ष के और से चुनाव में मिलीभगत के आरोप लगाए हैं पर इससे कोई फर्क नहीं पढता अगर आज दुनियां में सबसे ताकतवर को आदमी है तो वो व्लादिमीर पुतिन ही हैं और उनके मकसद भी बिलकुल साफ़ है शीत युद्ध से पहले रूस का दुनियां में जो स्थान था उसे फिर उसी स्थान पर पहुँचाना। क्यूंकि सोवियत रूस के टूटने के बाद रूस इतना कमजोर हो चुका था कि उसका फिर से मजबूत हो पाना लगभग असम्भव था पर पिछले 20 सालों में रूस बहुत तेजी से फिर अपने उसी स्थान की ओर बढ़ रहा है और इसके पीछे सबसे बड़ा कोई कारण है तो वो व्लादिमीर पुतिन ही हैं।

अगर बात व्लादिमीर पुतिन के राष्ट्रपति के रूप में करें तो वो 2000 से लेकर 2008 तक लगातार राष्ट्रपति रहे हैं अपने दो कार्यकाल के दौरान क्यूंकि वहां तब राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 सालों का ही होता था और लगातार 2 बार से ज्यादा कोई राष्ट्रपति बन नहीं सकता था तो साल 2008 से लेकर 2012 तक व्लादिमीर पुतिन ने अपने खासमखास सहयोगी दिमित्री मेत्रिदेव को रूस का राष्ट्रपति बनाया और खुद वो प्रधानमंत्री बन गये लेकिन उस दौरान भी सारी पॉवर पुतिन के पास ही थी, और फिर दुबारा जब 2012 में आम चुनाव हुए तो वो फिर राष्ट्रपति बन गये और उन्होंने रूस के संविधान में संसोधन करके राष्ट्रपति के कार्यकाल को 4 से बढाकर 6 साल कर दिया और जिस कारण वो 2018 तक राष्ट्रपति रहे और अब दुबारा वो फिर 2024 तक के लिए राष्ट्रपति चुन लिए गये हैं, और इस बार शायद वो एक और संविधान संसोधन करके  लागातार 2 बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं रह पाने वाले विधेयक को भी खत्म कर देंगे जिससे कि उनका ये सफ़र ऐसा ही चलता रहे।