प्रभात रावत वो नाम जो छोटे से शहर से निकलकर आया है और इस बार एनडीए में पूरे देश भर में 38वीं रेंक लाकर यह साबित कर दिया है कि सफलता किसी ट्रेनिंग तथा पृष्ठभूमि की मोहताज नहीं होती। अगर आपमें कुछ कर गुजरने का जज्बा है तो आप तमाम कठिनाइयों के बावजूद भी एक ऊँचा मुकाम हासिल कर सकते हैं। प्रभात रावत रुद्रप्रयाग जिले में अगस्त्यमुनि क्षेत्र के गाँव रुमसी के रहने वाले हैं। और उन्होंने अपनी शिक्षा अगस्त्यमुनि के केन्द्रीय विद्यालय से प्राप्त की है।
प्रभात रावत बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे और अपनी कक्षा में हमेशा प्रथम स्थान हासिल करते थे। 12वीं कक्षा में भी उन्होंने पूरे रुद्रप्रयाग जिले में भी अव्वल स्थान हासिल किया था। प्रभात की माता का नाम अंजना देवी है जो राजकीय इंटर कॉलेज रुद्रप्रयाग में अध्यापिका हैं और इनके पिता का नाम जगमोहन रावत है जो राजकीय इंटर कॉलेज कंडाली में प्रवक्ता हैं। प्रभात रावत खेलों में भी हमेशा आगे रहे हैं। इन्होने केन्द्रीय विद्यालय की श्रेणी में राष्ट्रीय स्तर पर शतरंज प्रतियोगिता में भी अपनी छाप छोड़ी थी।
आपको बता दें वर्तमान में प्रभात रावत थापर विश्वविद्यालय पंजाब से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग कर रहे थे। पर हमेशा से ही उनका झुकाव सेना में जाकर देश की सेवा करने का था और यही कारण है कि अपनी मेहनत और लगन से प्रभात ने वो मुकाम हासिल कर लिया है जो वो पाना चाहते थे। प्रभात रावत अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, अध्यापकों के अलावा खुद के सेल्फ मोटिवेशन को देते हैं। यही कारण था जो हमेशा उन्हें उनकी पढाई पर ध्यान देने के लिए प्रेरित करता था। प्रभात की इस सफलता पर उनके रिश्तेदारों के साथ-साथ पूरा उत्तराखंड भी उन पर गर्व कर रहा है।