देवभूमि उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम खौफनाक रुख ले चुका है यही कारण है कि पहाड़ों से लेकर शहरों तक के लोग डरे और सहमे हुए हैं। बारिश एक बार फिर खतरनाक स्तर से ऊपर बढ़ चुकी है और जिसके कारण पिछले चौबीस घंटों के अंतराल में बादल फटने, नदी नालों के उफान और भूस्खलन की घटनाओं में उत्तराखंड में अभी तक 10 लोगों की जान चली गई, जबकि 17 लोग लापता बताए जा रहे हैं। जिनकी खोजबीन की जा रही है और अनुमान है कि लापता लोगों की संख्या बढ़ भी सकती है।
सबसे खौफनाक तस्वीर उत्तरकाशी जिले की सामने आ रही हैं क्यूंकि यहाँ मोरी ब्लाक के आराकोट क्षेत्र में शनिवार देर रात बादल फटने से कई लोगों की मौत हो गई और दर्जनों मकान पानी के सैलाब में बह गए हैं। रविवार देर शाम तक आराकोट और माकुड़ी से आठ लोगों के शव बरामद हो चुके थे। जबकि क्षेत्र में अलग-अलग जगह 15 से 17 लोगों के बहने और मलबे में दबने की सूचना भी मिल रही है। कल देर रात तक इनमें से सात के शव बरामद कर लिए गए, बाकी की तलाश जारी है। रास्ते बंद होने की वजह से रेस्क्यू टीमें उत्तरकाशी के प्रभावित गांवों तक नहीं पहुंच पाईं है। यहां 50 से ज्यादा मकान और इतने ही दुकानें मलबे में दफ़न हो गयी हैं।
लगातार हो रही बारिश के कारण चारधाम मार्ग समेत 161 मार्गों पर आवाजाही बंद हो गई है। सड़कें बंद होने से चारधाम यात्रा भी रोक दी गई है। बद्रीनाथ के पास कंचनगंगा में हाइवे का 27 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया। 12 सौ यात्रियों को बदरीनाथ में ही रुकने को कहा गया है। केदारनाथ हाइवे बांसवाड़ा में एक बार फिर बंद हो गया। रामबाड़ा में पैदल पुल के क्षतिग्रस्त हो जाने से फिलहाल यात्रा रोक दी गई है। गंगोत्री हाइवे बडे़थी और हर्षिल तथा यमुनोत्री हाइवे डबरकोट में बंद होने से यात्री गंगोत्री, यमुनोत्री नहीं जा पा रहे हैं। लोनिवि के प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा ने बताया कि उत्तरकाशी क्षेत्र में ज्यादा बारिश की वजह से बड़ी संख्या में सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं।