उत्तराखंड में उत्तरकाशी के बाद अब टिहरी गढ़वाल जिले में सांप्रदायिक तनाव फैलता नजर आ रहा है। एक संगठन की ओर से एक समुदाय विशेष के लोगों को टिहरी जिले के कुछ क्षेत्रों को खाली करने की चेतावनी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार विश्व हिंदू परिषद (विहिप), बजरंग दल ने 5 जून को एक पत्र में कहा, एक विशेष समुदाय के लोग आइसक्रीम विक्रेता, स्क्रैप कलेक्टर और अन्य के रूप में काम करके ग्रामीण क्षेत्रों में फैल रहे हैं। वे हमारी रोटी (आजीविका), बेटी (बेटियाँ), चोटी (धर्म) और हमारे पूर्वजों की विरासत के लिए एक बढ़ता हुआ खतरा हैं। इस संबंध में स्थानीय लोगों ने इस समुदाय के लोगों को पूरी जौनपुर घाटी से चले जाने के लिए 10 दिन का अल्टीमेटम दिया है।
वहीँ दूसरी ओर संप्रदाय विशेष के युवकों की ओर से लड़कियों को बहला-फुसलाकर ले जाने के मामलों में अचानक बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस साल केवल पांच महीनों में ऐसे 48 मुकदमे प्रदेश में दर्ज हुए हैं। जबकि पिछले पूरे साल में 76 केस दर्ज हुए थे। इस हिसाब से इस साल हर माह का औसत करीब 10 है। ज्यादातर मामले नाबालिग लड़कियों के अपहरण से संबंधित हैं। इनमें पॉक्सो के तहत भी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इस मामले में मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों और इंटेलीजेंस अफसरों को स्थिति पर बारीकी से नजर रखने के निर्देश दिए हैं। एकाएक इस तरह के मामले बढ़ने से प्रदेश में कानून व्यवस्था कायम रखना भी एक चुनौती है। बीते दिनों उत्तरकाशी में कुछ संगठनों ने महापंचायत भी बुलाने की बात की थी।
पुलिस के आंकड़े भी इस स्थिति को बयां कर रहे हैं। ये मामले ज्यादातर अपहरण और पॉक्सो में दर्ज किए जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक, बीते दिनों सोशल मीडिया पर हुई गतिविधियों के चलते लोग जागरूक होकर ऐसे मामलों में आगे आ रहे हैं। पुलिस भी इन पर कार्रवाई कर रही है। इन पांच महीनों में लगभग सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, पुलिस अधिकारियों ने एलआईयू को हर स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं।