दिल्ली:- पश्चिमी दिल्ली के बाहरी इलाक़े मुंडका की एक व्यवसायिक इमारत में आग लगने से अब तक कम से कम 27 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। मारे गए लोगों की संख्या बढ़ने की आशंका भी ज़ाहिर की गई है।
जिस इमारत में आग लगी वो दिखने में एक बड़ा कॉम्प्लेक्स लगती है। मुंडका मेट्रो स्टेशन से क़रीब दो सौ मीटर दूर ये इमारत दिल्ली-रोहतक रोड पर स्थित है। ये दिल्ली का एक व्यस्त हाइवे है जिस पर आमतौर पर भारी ट्रैफिक रहता है।
इस चार मंज़िला इमारत में बेसमेंट भी है। ग्राउंड फ्लोर पर दफ़्तर और दुकानें हैं। वहीं पहले से तीसरी मंज़िल पर सीसीटीवी बनाने वाली कंपनी का दफ़्तर है।
आग लगने का कारण अभी स्पष्ट नहीं है लेकिन ये माना जा रहा है कि इसकी वजह शॉर्ट सर्किट हो सकती है। चश्मदीदों के मुताबिक आग पहली मंज़िल पर लगी थी और शुरुआत में आग बहुत तेज़ नहीं थी और सिर्फ़ धुआं उठ रहा था। चश्मदीद ये दावा भी करते हैं कि अग्निशमन दल को घटनास्थल तक पहुंचने में घंटे भर का समय लग गया था।
अधिकतर कर्मचारी इमारत की पहली और दूसरी मंज़िल पर फंसे थे। जीने में धुआं भर जाने के कारण कर्मचारी सीढ़ियों के रास्ते नीचे नहीं आ पा रहे थे। स्थानीय लोगों ने एक क्रेन की मदद से फंसे हुए लोगों को निकालने की कोशिश की। सीढ़ियों के सहारे भी लोगों को नीचे उतारा गया। संसाधनों की कमी की वजह से समय रहते लोगों को निकाला नहीं जा सका। आग में फंसे कई लोग ऊपर से ही नीचे भी कूद गए, जिससे भी लोगों की जान गई। इमारत में ज्वलनशील पदार्थ होने के कारण आग तेज़ी से फैलती चली गई। यही वजह रही कि आग बुझाने में छह घंटे से अधिक का समय लगा। आग लगने की इस घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। सबसे बड़ा सवाल यही है कि इतनी बड़ी इमारत में बिना अग्निशमन विभाग की एनओसी के दफ्तर कैसे चल रहे थे। घटना का पूरा सच जांच के बाद ही सामने आएगा। लेकिन अभी यहां लापरवाहियां स्पष्ट नज़र आ रही हैं। ये लापरवाहियां बिल्डिंग मालिक ने भी की हैं और प्रशासन ने भी और कंपनियों ने भी जिनके दफ़्तर यहां थे।