त्रिवेंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने वर्ष 2022 में होने वाला आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का एलान किया है। हालांकि, डॉ. हरक सिंह रावत ने यह स्पष्ट किया है की वह राजनीति से संन्यास नहीं ले रहे हैं, वह जनता की सेवा करते रहेंगे।
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जानकारी के लिए आपको बता दें, डॉ. हरक सिंह रावत ने वर्ष 2016 में कांग्रेस की तत्कालीन हरीश रावत सरकार के खिलाफ बगावत कर नौ अन्य विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हुए थे। इसके बाद वह वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में पौडी गढवाल जिले की कोटद्वार विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे और जीत हासिल की।
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वन एवं पर्यावरण मंत्री ने शुक्रवार को मीडिया से रूबरू होकर आगामी विधानसभा चुनाव न लड़ने की बात कही। रावत ने कहा कि इसकी जानकारी उन्होंने भाजपा प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार समेत वरिष्ठ नेताओं को दे दी है। रावत ने राजनीति छोड़ने या राजनीति से संन्यास लेने की बात से इनकार किया है। वहीं हरक सिंह रावत के बयान के बाद चर्चाएं होने लगी है कि क्या रावत भाजपा छोड़ेंगे या किसी और पार्टी से चुनाव लड़ेंगे।
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राज्य सरकार ने हाल ही में उन्हें भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाकर श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल को यह जिम्मेदारी सौंप दी थी। हरक सिंह रावत के पास श्रम और सेवायोजन मंत्रालय भी है। गढवाल दौरे के बाद वह गुरुवार को ही देहरादून पहुंचे। उन्होंने कहा था कि इस मामले में वह मुख्यमंत्री से बात करेंगे लेकिन अभी उनकी मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हो पाई है। मुख्यमंत्री गुरुवार शाम को दिल्ली से लौटे और शुक्रवार सुबह कुमाऊं मंडल के एक दिन के दौरे पर रवाना हो गए। हरक सिंह रावत के चुनाव न लडने के एलान को इस घटनाक्रम से जोडकर भी देखा जा रहा है।