कोरोना संकट काल में देश के साथ ही उत्तराखंड भी गंभीर आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है जिसके बाद उत्तराखंड में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा मुख्यमंत्री राहत कोष का गठन किया गया। जिसमें हर किसी से कुछ धनराशि दान करने की अपील की गयी। इसके बाद उत्तराखंड से आम से लेकर ख़ास तक हर कोई बढ़-चढ़कर अपनी तरफ से कुछ धनराशि दान करने लगा और पहाड़ के कई लोग तो इस मामले में ऐसी मिसाल कायम कर चुके हैं कि खुद भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी उनकी सराहना कर डाली। अब इसी कड़ी में आग बढ़ते हुए एक बहुत बड़ी धनराशि सीएम राहत कोष में दी गयी है जो अपने आप में ही एक रिकॉर्ड है।
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उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने कोविड-19 से लड़ने के लिए 50 करोड की धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष में दान दे दी है। उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि ने मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश को सचिवालय स्थित उनके कार्यालय में 50 करोड़ की धनराशि का चेक सौंपा है। बोर्ड ने अपने संसाधनों में से यह राशि राहत कोष में दी है। माना जा रहा है कि किसी भी संस्थान की ओर से यह अब तक की सबसे बड़ी सहयोग राशि है।
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कोरोना से जंग में सरकार को आर्थिक मजबूती के लिए वन मंत्री डॉ हरक सिंह ने पीसीबी के माध्यम से 50 करोड़ की धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष में दी। वन मंत्री ने कहा कि महामारी से रोकथाम के लिए हर स्तर से प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार के साथ हर मंत्री विधायक और विभाग भी अपना योगदान दे रहे हैं। इससे पूर्व भी पीसीबी ने 25 लाख की धनराशि सीएम राहत कोष में दिए हैं। डॉ. हरक सिंह रावत ने लोगों से अपील की है कि वह मदद को आगे आएं और कोरोना वॉरियर्स को सहयोग दें।
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