मूल रूप से राज्य के पिथौरागढ़ जिले के रियासी गांव निवासी आनंदी देवी का विवाह पांच वर्ष पूर्व चंडाक क्षेत्र के छेड़ा गांव निवासी किशन कुमार के साथ हुआ था। बताया गया है कि शादी के बाद से ही किशन, आनंदी को दहेज के लिए परेशान करता था। जिस कारण आनंदी बीते तीन माह से मायके में रह रही थी। परिजनों के मुताबिक बीते 20 जुलाई को किशन, अपनी पत्नी आनंदी और तीन साल की बेटी अराध्या को लेकर गया था। उसने दोनों को शाम तक रियासी गांव पहुंचाने की बात कही थी।
परंतु जब दोनों मां बेटी शाम तक गांव नहीं पहुंचे तो आनंदी की मां सुनीता ने अपने दामाद किशन से इस बारे में बात की। परंतु उसने कहा कि वह दोनों को गांव की ओर भेज चुका है। जिस पर परिजनों ने उनकी खोजबीन शुरू की। उधर दूसरी ओर, चैंसर गांव से दूध देने बाजार जा रहे लोगों को कुनीगाड़ के पास एक शव जलते हुए दिखाई दिया, जिस पर उन्होंने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस विभाग की टीम ने शव पर पानी डालकर आग बुझाई। अधजले शव की शिनाख्त आनंदी के रूप में हुई है।