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UKSSSC पेपर लीक: आयोग के पूर्व सचिव संतोष बडोनी सस्पेंड… एक सिपाही की गिरफ्तार

विभिन्न भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक विवाद में घिरे उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व सचिव संतोष बडोनी को शासन ने निलंबित कर दिया है। सचिव प्रभारी, सचिवालय प्रशासन विनोद कुमार सुमन ने बृहस्पतिवार देर रात उनके निलंबन के आदेश जारी किए। पिछले माह स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक होने के मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर एसटीएफ ने जांच शुरू की थी। पेपर लीक विवाद के बीच पहले अध्यक्ष एस राजू ने नैतिकता के तहत अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 13 अगस्त को सरकार ने आयोग के सचिव पद से संतोष बडोनी को हटा दिया था। चूंकि बडोनी सचिवालय सेवा के अधिकारी हैं, इसलिए उन्हें सचिवालय में बतौर संयुक्त सचिव ज्वाइनिंग दी गई थी।

सचिव सचिवालय प्रशासन विनोद कुमार सुमन की ओर से गुरुवार को देर रात बडोनी के निलंबन का आदेश जारी किया गया। निलंबन अवधि में बडोनी सचिवालय प्रशिक्षण और प्रबंध संस्थान कार्यालय में अटैच रहेंगे। भर्ती घोटाले में इसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है। आयोग पर हुई पहली कार्रवाई भर्ती घोटाले में सरकार ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अफसर पर पहली बड़ी कार्रवाई की। अभी तक भर्ती घोटाले में एसटीएफ करीब 31 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। लेकिन आयोग के अफसरों पर कोई सीधी कार्रवाई नहीं हुई थी। आयोग में अभी तक सचिव का जिम्मा सचिवालय के संयुक्त सचिवों के पास रहा। आयोग के गठन से लेकर अभी तक इन सभी सचिवों की कार्य क्षमता पर सवाल उठते रहे हैं। कोई भी सचिव अपना कौशल साबित नहीं कर पाया। इसी के चलते अब सचिव पद पर आईएएस और पीसीएस अफसरों को तैनात करने की मांग उठने लगी है।

वहीँ दूसरी ओर पेपर लीक मामले में उत्तराखंड पुलिस के ऊधमसिंह नगर जिले में तैनात सिपाही को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि उसने पहले गिरफ्तार हुए कुछ साथियों के साथ अभ्यर्थियों को कुंडेश्वरी में नकल कराई थी। उसके कुछ और साथियों के बारे में एसटीएफ जानकारी जुटा रही है। आरोपी का भाई पहले ही गिरफ्तार हो चुका है। एसटीएफ ने आरोपी सिपाही को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है। एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पेपर लीक मामले में अब तक 31 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। पहले गिरफ्तार हुए आरोपियों से पूछताछ की गई थी। इनमें सितारगंज में तैनात एक सिपाही विनोद जोशी का नाम सामने आ रहा था। उसका एक भाई मनोज जोशी (न्यायिक कनिष्ठ सहायक) पहले गिरफ्तार किया जा चुका है। बयानों के आधार पर गुरुवार को सिपाही को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी ने अपने भाई के कहने पर कई अभ्यर्थियों को नकल कराई थी।


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