एक बार फिर से उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में बहती हुई मंदाकिनी नदी पूरे राष्ट्रीय फलक पर छायी हुई है, इसका कारण है यहाँ चल रही कयाकिंग सलालम हेतु भारत की नेशनल टीम का प्रशिक्षण शिविर, भारत की कयाकिंग सलालम टीम के कोच हैं फ्रांस के रहने वाले जिमी विरकोन, और ये वो कोच हैं जिन्होंने ओलम्पिक में अपने देश के लिए सलालम की स्पर्धाओं में 4 स्वर्ण, 4 रजत और 4 कांस्य पदक जीते हैं। तो भारत में सलालम की स्पर्धाओं के लिए कौन सी नदी सबसे बेहतर है इसके लिए कोच जिमी विरकोन ने जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड के हर इलाके का दौरा किया और इन राज्यों की हर नदी का विशलेषण करने के बाद कोच ने रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ से बहने वाली मंदाकिनी नदी को सबसे बेहतर पाया।
इसके बाद तय किया गया कि रुद्रप्रयाग जिले के चन्द्रपुरी कस्बे के गबनी गाँव से भारत की राष्ट्रीय टीम को प्रशिक्षण दिया जाएगा और फिर कोच जिमी विरकोन ने विधायक केदारनाथ मनोज रावत जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल और प्रशासन से अनुरोध किया कि यहाँ उनके लिए जरुरी सुविधाओं का इन्तेजाम किया जाए। कोच जिमी विरकोन की एक मांग पर ही पूरा रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन जिस तेजी से यहाँ सुविधायें जुटाने में लगा हुआ था इससे कोच बहुत ही अधिक प्रसन्न हुए और उन्हें कहना पड़ा कि आज के कुछ घंटों के काम के बाद मेरी भारतीयों की क्षमता के बारे में धारणा बदल गयी और जितनी तेजी से यहाँ काम हुआ है उतना तो मेरे देश फ्रांस में भी नही होता है।
इसके बाद भारतीय टीम के सलालम की स्पर्धाओं के खिलाड़ियों ने यहाँ पहुँचना शुरू कर दिया था और कल यानी सोमवार 11 जून 2018 को गबनी गांव प्रातः 9 बजे से प्राशिक्षण शिविर का उदघाटन किया गया इस मौके पर जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल विधायक केदारनाथ मनोज रावत आदि लोग उपस्थित थे और उन्होंने वहां प्रशिक्षण लेने आये हुए सभी खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया, अब उम्मीद है कि यहाँ 11 जून से 30 जून तक चलने वाले प्रशिक्षण शिविर के बाद भारत के खिलाड़ी पूरी दुनियां में भारत का नाम रोशन करेंगे।