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जोशीमठ: भूधंसाव के बाद अब नीचे खिसक रही विशाल चट्टान व बोल्‍डर… रिहायशी इलाकों को खतरा

जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहा भू-धंसाव थम नहीं रहा है। सोमवार को सिंहधार वार्ड में पांच नए भवनों पर दरारें आईं। प्रशासन ने यह दरारें चिन्हित की हैं जबकि कई अन्य मकानों में दरारें बढ़ी हैं। पिछले कुछ समय से भवनों में नई दरारें न आने से प्रशासन ने सर्वे टीम को अन्यत्र कार्यों में लगा दिया था लेकिन अब मकानों में दरारें बढ़ने से फिर से सर्वे टीमों को सक्रिय कर दिया गया है।

जोशीमठ के सिंहधार वार्ड और सुनील गांव में नीचे खिसक रही भारी-भरकम शिला व बोल्‍डरों ने स्थानीय निवासियों की चिंता बढ़ा दी। हालांकि, 20-22 फीट ऊंची और 10-12 फीट चौड़ी इस शिला को खिसकने से रोकने के लिए सीबीआरआइ रुड़की की तकनीकी टीम की सलाह पर लोनिवि ने उसके निचले हिस्से में लोहे के पाइपों की टेक लगाई हुई है। लेकिन, शिला के आसपास लगातार भूधंसाव के कारण स्थानीय निवासी इसे सुरक्षित नहीं मान रहे। इस शिला के नीचे एक किमी के दायरे में गिरसी व रामकलूड़ा मोहल्ले के साथ ही जेपी कालोनी व मारवाड़ी की बड़ी आबादी निवास करती है। जिसकी सुरक्षा के लिए अभी तक किसी भी तरह की पहल नहीं हुई है।

ऐसे में आशंका जताई जा रही कि शिला का खिसकना इस आबादी को संकट में डाल सकता है। बताया गया कि लोनिवि की ओर से यहां अपनी टीम तैनात की गई है, जो सीबीआरआइ से मिले दिशा-निर्देश के अनुरूप शिला की नियमित मानीटरिंग कर रही है। जोशीमठ का सिंहधार वार्ड आपदाग्रस्त घोषित है। यहां भूधंसाव के चलते दरार लगातार बढ़ रही हैं और 156 भवनों पर लाल निशान लग चुके हैं। इनमें से 98 खतरनाक की श्रेणी में हैं। सोमवार को सर्वेक्षण टीम ने नए भवनों में पड़ी दरारों का सर्वेक्षण किया। रविवार तक दरारों वाले मकानों की संख्या 863 थीं, जो सोमवार को बढ़कर 868 हो गई हैं। भू-धंसाव से सिंहधार, गांधीनगर, मनोहर बाग और रविग्राम वार्ड अधिक प्रभावित हुआ है।


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