उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश का दुर जारी है। और इन दिनों लगातार जगह- जगह सड़क मार्ग बाधित होने का सिलसिला जारी है। इस बीच मसूरी में मलबे में दो मकान क्षतिग्रस्त हो गए। इस दौरान मलबा और बोल्डर आने से कमरे में सो रहा एक व्यक्ति कमर तक मलबे में दब गया। उसे किसी तरह से बाहर निकाला गया। वहीं, दूसरे मकान में भी तीन युवक सो रहे थे, जिनको चोटें आई है।
वहीं, दूसरी ओर बारिश और भूस्खलन से सड़कें छलनी हैं। टिहरी जिले में गंगोत्री हाईवे की मरम्मत का काम शुरू हो गया है। वहीं, पहाड़ की कटिंग कर वैकल्पिक रास्ता तैयार कर छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी गई है। तोताघाटी में बंद बदरीनाथ हाईवे से मलबा हटाने का काम भी किया जा रहा है। हालांकि लगातार दरक रही पहाड़ी के कारण इसमें व्यवधान आ रहा है। पिथौरागढ़ और चमोली जिलों में चीन सीमा तक आवागमन अब भी नहीं हो पा रहा है। प्रदेश में कुल 114 सड़कों पर यातायात बाधित है। मौसम विभाग के अनुसार रविवार को भी प्रदेश में भारी बारिश के आसार बने हुए हैं। विशेषकर कुमाऊं के पिथौरागढ़, नैनीताल, चम्पावत और बागेश्वर जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है।
शुक्रवार को टिहरी जिले में ऋषिकेश से 38 किलोमीटर दूर चम्बा के पास फकोट में गंगोत्री राजमार्ग का 40 मीटर हिस्सा बह गया। शनिवार को सीमा सड़क संगठन की टीम ने इस हिस्से में मरम्मत का काम शुरू कर दिया है। अभी यहां मलबा हटाया जा रहा है, इसके बाद पहाड़ की कटिंग कर सड़क का निर्माण किया जाएगा। जिलाधिकारी इवा श्रीवास्तव ने बताया कि मार्ग को सुचारु करने में एक सप्ताह का समय लग सकता है। खतरे की आशंका को देखते हुए टिहरी जिला प्रशासन ने गंगोत्री और बदरीनाथ हाईवे पर यातायात पर अगले आदेशों तक रोक लगा रखी है। ये दोनों मार्ग गढ़वाल मंडल के टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों को जोड़ते हैं।