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“भारत का चेहरा” हैं सीमावर्ती क्षेत्र न कि “बफर जोन”, उत्तराखंड में बोले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड के चमोली में 7 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा निर्मित 35 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया। यहीं से वर्चुल माध्यम से बीआरओ द्वारा देश के विभिन्न जगह पर बनाए गए पुल और छह सड़कों का लोकार्पण किया। रक्षा मंत्री दोपहर को हेलीकॉप्टर से जोशीमठ पहुंचें और वहां से सड़क मार्ग से ढाक पहुंचकर पुल सहित अन्य योजनाओं का लोकार्पण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, सरकारों की संकीर्ण मानसिकता के चलते सीमांत क्षेत्रों तक विकास नहीं पहुंच पाया। पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने इस सोच को बदला और सीमांत क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास शुरू किया। रक्षामंत्री ने कहा, हमारी सरकार सीमांत क्षेत्रों को मुख्य धारा का हिस्सा मानती है न कि बफर जोन। एक समय था जब सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता था। पहले की सरकारों की मानसिकता थी कि मैदानी क्षेत्रों के लोग मुख्य धारा के लोग हैं, उन्हें चिंता रहती थी कि सीमा पर घटनाक्रम का इस्तेमाल दुश्मन कर सकता है। इसी मानसिकता से सीमांत क्षेत्रों तक विकास कभी नहीं पहुंच पाया। हमने इस सोच को बदला है। कहा, देश की सीमाओं की रक्षा के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। हमें सबका सहयोग मिल भी रहा है।

रक्षा मंत्री ने बीआरओ की सराहना करते हुए कहा, किसी परियोजना को समय पर पूरा करना संगठन की प्रतिबद्धता के कारण संभव हुआ है। सड़क व पुल आदि का निर्माण दूरदराज के इलाकों को भौगोलिक दृष्टि से देश के बाकी हिस्सों से जोड़ रहा है। उन्होंने बीआरओ के मजदूरों से भी मुलाकात कर उनका मनोबल बढ़ाया। कहा, विपरीत हालातों में सीमाओं पर कनेक्टिविटी को सुदृढ़ बनाने में बीआरओ का कार्य सराहनीय है।


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