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देहरादून: मैक डोनाल्ड और KFC के लिए किया था आवेदन, कारोबारियों ने गंवा दिए 62 लाख रुपए

राजधानी देहरादून में मैक डोनाल्ड और केएफसी की फ्रेंचाइजी पाने के झांसे में आकर दो कारोबारी साइबर ठगी के शिकार हो गए। पीड़ितों ने करीब 62 लाख रुपये गंवा दिए। दोनों ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज करवा दिया है। सीओ साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन अंकुश मिश्रा ने बताया कि दोनों मामलों की जांच की जा रही है। जिन खातों में रकम जमा हुई, उन्हें पुलिस ने फ्रीज करा दिया है। उन्होंने बताया कि फ्रीज कराते समय इन बैंक खातों में बहुत कम बैलेंस था। उन्होंने बताया है कि दोनों कारोबारियों को ठगने के आरोपियों के बारे में पता लगाया जा रहा है।

इनमे से एक शेयर कारोबारी से 26 लाख की धोखाधड़ी की गयी है. नवनीत उनियाल निवासी विष्णुपुरम मोथरोवाला शेयर मार्केट का काम करते हैं। उन्होंने फूड चेन कंपनी केएफसी की फ्रेंचाइजी लेनी चाही। इसके लिए गूगल पर केएफसी नाम की वेबसाइट मिली। वहां इन्क्वायरी के जरिए रिक्वेस्ट भेजी। बीते 13 फरवरी को info@kfcfranchises.co.in से ईमेल आई थी, जिसमें कंपनी का पंजीकृत साझेदार बनाने का जिक्र था। कहा गया कि इसके लिए सफायर फूड इंडिया पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करेगा, जो केएफसी की असली पंजीकरण कंपनी की तरह था। इसके बाद विभिन्न नंबरों से पीड़ित को फोन करके 26 लाख रुपये ले लिए गए। आरोपी और रकम की डिमांड करते रहे तो पीड़ित को ठगी का पता चला। नवनीत ने बताया कि वे पहली बार फूड सेक्टर में काम करने की कोशिश कर रहे थे।

वहीँ दूसरे पेट्रोल पंप कारोबारी से 35.90 लाख की ठगी की गयी है.  नेहरू मार्ग आशुतोषनगर ऋषिकेश के पेट्रोप पंप व्यवसायी प्रशांत जमदग्नि ने मैक डोनाल्ड कंपनी की फ्रेंचाइजी लेनी चाही। बीते दस जनवरी को गूगल पर www.mcdonaldspartner.com नाम की साइट दिखी। आवेदन के बाद 16 जनवरी को तरुण जायसवाल नाम के व्यक्ति का फोन आया। उसने खुद को रिलेशन मैनेजर बताकर कहा कि फ्रेंचाइजी का आवेदन मंजूर हो गया है। सबसे पहले रजिस्ट्रेशन के लिए 2.65 लाख और फिर केंद्र की एनओसी के नाम पर 9.14 लाख लिए गए। सात फरवरी को साइट निरीक्षण के लिए टीम भेजने का झांसा देकर 23.60 लाख ले लिए गए। तय तिथि पर कोई टीम नहीं पहुंची तो पीड़ित को ठगी का पता चला। साइबर ठग बना रहे फर्जी वेबसाइट एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि साइबर ठग लगातार नए-नए तरीकों से लोगों का चूना लगा रहे हैं।

ऑनलाइन रुपयों के लेनदेन से जुड़े काम करने वालों की सही तरीके से पुष्टि करना जरूरी है। साइबर ठगी होने पर लोग तत्काल 1930 पर कॉल करें। साइबर ठग फर्जी वेबसाइट बनाकर अपने नंबर डाल देते हैं। जैसे ही कोई इन नंबरों पर संपर्क करता है तो उसे झांसे में लेकर ठग लेते हैं। एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि साइबर ठग लगातार नए-नए तरीकों से लोगों का चूना लगा रहे हैं। ऑनलाइन रुपयों के लेनदेन से जुड़े काम करने वालों की सही तरीके से पुष्टि करना जरूरी है। साइबर ठगी होने पर लोग तत्काल 1930 पर कॉल करें। साइबर ठग फर्जी वेबसाइट बनाकर अपने नंबर डाल देते हैं। जैसे ही कोई इन नंबरों पर संपर्क करता है तो उसे झांसे में लेकर ठग लेते हैं। इसलिए आम जनता सावधान रहे।


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