ऋषिकेश कोतवाली के श्यामपुर पुलिस चौकी के पास दो मासूम बहनों की हत्या और दुष्कर्म के मामले में आरोपी (गुरुद्वारे के सेवादार) को पोक्सो कोर्ट ने दोषी करार दिया था। जिसके बाद आज पोक्सो कोर्ट पर सुनवाई करते हुए आरोपी को 302 के तहत मौत की सजा(फांसी की सजा) सुनाई गई है। गवाहों और सुबूतों के आधार पर कोर्ट ने आरोपी परवान सिंह को दोषी करार देते हुए सजा के लिए 22 अगस्त की तारीख नियत की थी।
मासूम बच्ची की मुट्ठी से मिले दोषी के दाढ़ी के बाल उसे सजा दिलाने में अहम सुबूत बने। पोक्सो की विशेष न्यायाधीश रमा पांडे की अदालत ने करीब सालभर के भीतर मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाया। दोषी दरिंदा तब ऋषिकेश के एक धार्मिक स्थल में सेवादार था। जून 2017 में ऋषिकेश कोतवाली के श्यामपुर चौकी के पास खुद को सेवादार बताने वाला परवान सिंह ने एक नेपाली मूल की 13 साल की मासूम को मौत के घाट उतार दिया था और इतना ही नहीं उसने उसकी 3 साल की छोटी बहिन के साथ दुष्कर्म किया और फिर उसकी भी गला दबाकर हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी को हत्या वाले दिन ही गिरफ्तार कर लिया था। जांच में तीन वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी। एफएसएल रिपोर्ट में भी आरोपी पर अपराध साबित हुआ था। अब आरोपी को सीधे फांसी की सजा मुकरर की गई है।