बैंगलुरु में विमान दुर्घटना में शहीद हुए पायलट सिद्धार्थ नेगी की अस्थियां विधि विधान के साथ गंगा में विसर्जित की गईं। इस दौरान बेटे की अस्थियों को विसर्जित करते हुए पिता भावुक नजर आए।
एक फरवरी को पायलट स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी, स्क्वाड्रन लीडर समीर अबरोल ने एचएएल की हवाई पट्टी से उड़ान भरी थी। उड़ाने भरने के बाद ही विमान में तकनीकि खराबी आ गई थी। दोनों ने पैराशूट की मदद से छलांग लगाई थी, लेकिन विस्फोट के कारण वह आग की चपेट में आ गए। इससे सिद्धार्थ नेगी की मौत हो गई थी। सिद्धार्थ मूल रूप से देहरादून के पंडितवाड़ी के रहने वाले थे। सोमवार देर शाम को देहरादून से सिद्धार्थ नेगी के पिता बीएस नेगी और अन्य लोग उनकी अस्थियां लेकर कनखल सतीघाट पहुंचे। यहां पंडित प्रतीक कौशिक ने विधि विधान के साथ कर्मकांड संपन्न कराया। इसके बाद उनकी अस्थियों को गंगा में विसर्जित किया गया।
सिद्धार्थ के पिता बलबीर सिंह नेगी ग्राफिक ऐरा विश्वविद्यालय में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के पद पर तैनात हैं। उनके ताऊ राजेंद्र सिंह नेगी, चाचा सतह सिंह नेगी, ग्राफिक ऐरा के डीसी डॉ. संजय दसौला, डायरेक्टर डॉ. सुभाष गुप्ता, रजिस्ट्रार डीपी थपलियाल अस्थि कलश लेकर पहुंचे। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने सतीघाट पहुंच दो मिनट का मौन रखकर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की।