मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शिष्टाचार भेंट कर उत्तराखंड के विकास में उनके मार्गदर्शन और सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को स्थानीय भांग के रेशे की शॉल बेडू के उत्पाद तथा नंदादेवी राजजात की परम्परागत वाद्ययंत्रो ढोल, दमाऊं, रंणसिंघा युक्त प्रतिकृति भी भेंट की। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में सड़कों पर परिवहन के दबाव को एक अत्याधुनिक एवं ग्रीन मास रैपिड ट्रांजिट प्रणाली द्वारा कम करने और जनमानस को सुरक्षित यातायात की सुविधा उपलब्ध कराये जाने के दृष्टिगत देहरादून मेट्रो नियो परियोजना प्रस्तावित की गई है।
विस्तृत तकनीकी अध्ययन के उपरांत इस परियोजना की डी०पी०आर०, जिसमें दो कॉरिडोर्स (कुल लम्बाई 22.424 कि०मी०) तथा कुल लागत रू0 1852.74 करोड़ है, के प्रस्ताव पर भारत सरकार से अनुमोदन प्राप्त किये जाने के लिए आवासन एवं शहरी विकास कार्य मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जी से परियोजना के प्रस्ताव पर अनुमोदन प्रदान किए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने ऑलवेदर रोड चारधाम सड़क परियोजना के लिया आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वर्ष 2023 के लिए केन्द्रीय सड़क अवसंरचना निधि ( सी०आर०आई०एफ०) के कार्यों हेतु प्रदेश के जनप्रतिनिधियों से प्राप्त कुल 155 कार्यों के रू0 2550.15 करोड़ के प्रस्तावों पर स्वीकृति प्रदान किये जाने का अनुरोध किया गया था। मंत्रालय द्वारा रू० 250.00 करोड़ के कार्यों में सहमति प्रदान की गयी है। मुख्यमंत्री ने अवशेष कार्यों की स्वीकृति दिलाए जाने का प्रधानमंत्री से अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि भारत-चीन सीमा में वर्तमान में पिथौरागढ़ के जौलिंगकांग आईटीबीपी पोस्ट को चमोली जिले के लप्थल आईटीबीपी पोस्ट से जोड़ने का मार्ग नहीं है। इसे टनल मार्ग से जोड़ा जाए। इससे दोनों सीमा पोस्ट की दूरी 404 किमी कम होगी। पिथौरागढ़ से लिपुलेख, गुंजी गांव से जौलिंगकांग तक सड़क का निर्माण बीआरओ की ओर से करने का पहले ही सहमति दे चुका है। सीएम ने मानसखंड परियोजना के तहत 16 पौराणिक मंदिरों के लिए डबल लेन सड़क निर्माण के लिए केंद्र सरकार से 1000 करोड़ रुपये मांगे हैं। सड़कों को चौड़ा करने के लिए भूमि अधिग्रहण, वन भूमि हस्तांतरण की कार्रवाई प्रदेश सरकार अपने संसाधनों से कर रही है। सड़कों के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय से धनराशि उपलब्ध कराने का आग्रह किया।