उत्तराखंड में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच शासन ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर कंटेनमेंट जोन से बाहर आयोजित होने वाले विवाह समारोह में अधिकतम 200 लोगों की सीमा तय कर दी है। इस संबंध में मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से आदेश जारी कर दिए हैं। सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, पुलिस महानिदेशक, सचिव, प्रभारी सचिव, गढ़वाल व कुमाऊं आयुक्त तथा जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश का कड़ाई से अनुपालन कराने को कहा गया है।
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राज्य में सभी जिलों के डीएम से इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है। देश के विभिन्न राज्यों की भांति उत्तराखंड में भी कोरोना संक्रमण के मामलों में खासा इजाफा हुआ है। इससे सरकार की चिंता बढ़ी है और संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर सख्ती बरतनी भी शुरू कर दी गई है। कोरोना संक्रमण के लिहाज से अधिक संवेदनशील 12 राज्यों से उत्तराखंड आने वाले यात्रियों के लिए आगमन से 72 घंटे पहले तक की कोरोना की आरटीपीसीआर जांच की नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है। हरिद्वार में चल रहे कुंभ में आने के लिए भी पंजीकरण और आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट का कड़ाई से अनुपालन कराया जा रहा है।
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कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए देहरादून में नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला किया था। इसके बाद देहरादून के जिलाधिकारी ने भी आदेश जारी कर दिए थे। हालांकि नाइट कर्फ्यू से विवाह समारोह को अलग रखा गया था। जिलाधिकारी ने अपने आदेश में कहा था कि शादी में शामिल होने वाले लोगों को अपने पास निमंत्रण पत्र रखना होगा। आदेश के मुताबिक मास्क पहनना और सामाजिक दूरी का पालन करना आवश्यक होगा। कालसी व चकराता को छोड़ संपूर्ण देहरादून जिला, हरिद्वार जिला और नगर पालिका क्षेत्र नैनीताल व हल्द्वानी नगर निगम क्षेत्र में प्राथमिक से लेकर माध्यमिक स्तर के स्कूलों को 30 अप्रैल तक बंद रखने का निर्णय लिया गया। अलबत्ता, 10वीं व 12 वीं के छात्रों को इससे छूट दी गई।अब सरकार ने विवाह समारोहों में अधिक भीड़भाड़ न हो, इसके दृष्टिगत इनमें सम्मिलित होने के लिए व्यक्तियों की अधिकतम सीमा तय की है।