उत्तराखंड सरकार के बड़े प्रॉजेक्ट्स के लिए होने वाले ग्लोबल टेंडर्स में अब चीन को हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। चीन के साथ तनातनी की खबरों के बीच त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने फैसला किया है कि अब टेंडरिंग की प्रक्रिया में चीन को हिस्सा लेने की इजाजत नहीं होगी। सरकार ने इसके लिए 2017 की खरीद नियमावली में बदलाव किया है।
फाइनेंस सेक्रेटरी सौजन्या ने इस संबंध में जारी आदेश में 2017 के नियमों को बदलने की जानकारी दी गई है। जानकारों का कहना है कि सरकारी आदेश भले ही पड़ोसी देश के लिए कहा गया हो, लेकिन असल में इसका मकसद चीन को टेंडरिंग की प्रक्रिया से बाहर करना है। आदेश के अनुसार अब चीन में रजिस्टर्ड कोई भी कंपनी निविदा की प्रक्रिया में शामिल नहीं होगी।
मेगा प्रॉजेक्ट्स के अलावा प्रदेश के सप्लाई टेंडर्स में भी चीनी कंपनियों का प्रवेश नहीं हो सकेगा। कंपनियों को इस बात का प्रमाण पत्र जमा करना होगा कि उनका कोई भी रजिस्ट्रेशन चीन या किसी अन्य देश में नहीं हुआ है। साथ ही इस बात की भी पुष्टि करनी होगी कि उनका कोई भी प्रॉडक्ट चीन में निर्मित या असेंबल किया हुआ नहीं है।
माना जा रहा है कि गलवान घाटी में चीन से हुए संघर्ष के बाद अब भारत सरकार और राज्य की सरकारों ने उसे आर्थिक मोर्चे पर झटके देने का फैसला किया है। इसी लिहाज से सरकारी स्तर पर भी चीनी कंपनियों के बहिष्कार किए जा रहे हैं।