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बद्रीनाथ धाम के कपाट भक्तों के लिए खुले… हेलीकॉप्टर से हुई पुष्पवर्षा… हजारों श्रद्धालु बने गवाह

आज 27 अप्रैल को बर्फबारी और कड़ाके की ठंड के बीच भू-बैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं। वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ आज गुरुवार सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए हैं। कपाट खुलने के इस पावन मौके पर अखंड ज्योति के दर्शन करने के लिए हजारों श्रद्धालु धाम पहुंचे तो यात्रा पड़ावों पर चहल-पहल भी शुरू हो गई है।  कपाट खुलने के दौरान हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा हुई तो वहीं परिसर में सेना की मधुर धुन पर यात्री भी थिरके। बदरीनाथ के सिंह द्वार से यात्रियों के दर्शन शुरू हो गए हैं। कपाट खुलने के दौरान धाम में करीब 20 हजार तीर्थयात्री पहुंचे। कपाटोद्घाटन के लिए टिहरी राजा के प्रतिनिधि के रूप में माधव प्रसाद नौटियाल भी धाम में मौजूद रहे।

इससे पहले बुधवार को योगबदरी मंदिर पांडुकेश्वर से कुबेर जी, उद्धव जी की उत्सव डोली, गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा, आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी और बदरीनाथ के रावल बदरीनाथ धाम पहुंचे। यहां यात्रा का हक-हकूकधारियों और बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के कर्मचारियों ने फूल-मालाओं से स्वागत किया। बदरीनाथ धाम को 25 कुंतल फूलों से सजाया गया है। बदरीनाथ के साथ ही धाम में स्थित प्राचीन मठ-मंदिरों को भी गेंदे के फूलों से सजाया गया है। मंगलवार को जोशीमठ नृसिंह मंदिर से आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी के साथ बदरीनाथ के रावल रात्रि प्रवास के लिए पांडुकेश्वर स्थित योगबदरी मंदिर पहुंचे थे। बुधवार को ब्रह्ममुहूर्त में रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने योगबदरी मंदिर में पूजा-अर्चना की।

भगवान बदरीनाथ के कपाट खुलने के मौके पर भव्य नजारा देखने को मिला। धाम में आस्था का सैलाब उमड़ा। बर्फबारी और कड़ाके की ठंड के बावजूद हजारों श्रद्धालु कपाटोद्घाटन के पावन क्षण के साक्षी बने। भक्तों के लिए भगवान बदरीनाथ के द्वार खुलने के साथ ही अब चारधाम यात्रा ने भी रफ्तार पकड़ ली है। ज्योतिष्पीठाधीश्वर के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज भी यात्रा के साथ बदरीनाथ पहुंचे। बीकेटीसी के उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सीईओ योगेंद्र सिंह, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, आशुतोष डिमरी, बृजेश सती, प्रकाश रावत, तेजवीर कंडेरी के साथ ही बीकेटीसी कर्मचारियों व तीर्थयात्रियों ने रावल, शंकराचार्य गद्दी और गाडू घड़ा का फूल-मालाओं और जय बदरी विशाल के जयकारों के साथ स्वागत किया।


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