कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रदेश सरकार ने 12वीं तक के सभी स्कूलों को 31 मार्च तक बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं। केवल आईसीएसई, सीबीएसई और उत्तराखंड स्कूल बोर्ड की परीक्षाएं निर्धारित समय के अनुसार चलेंगी। इसके अलावा प्री-नर्सरी से लेकर कक्षा 12 तक के स्कूल बंद रहेंगे। भारत सरकार ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए भारत नेपाल सीमा पर तीसरे देश के लोगों के आवागमन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। इधर, टनकपुर सीमा पर बगैर मास्क बेखौफ दोनों देशों के नागरिकों की आवाजाही से कोरोना की रोकथाम किसी चुनौती से कम नहीं है।
कोरोना के केसों में दिन प्रति दिन बढ़ोतरी हुई जा रही है। ऐसे में ऐसा निर्णय बहुत स्वाभाविक था। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी ने बातचीत के दौरान बताया कि उत्तराखंड के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद करने के सख्त निर्देश गए हैं। सभी स्कूल 31 मार्च तक बन्द रहेंगे। बैठक में कोरोना के बढ़ते खतरे और पड़ोसी राज्यों द्वारा उठाए जा रहे फैसलों पर भी विचार हुआ। स्वास्थ्य विभाग ने मुख्य सचिव को अवगत करवाया कि अभी तक उत्तराखंड में कोरोना का एक भी पॉजिटिव केस नहीं मिला है। बावजूद इसके सरकार ने बचाव और रोकथाम के लिए कई कदम उठाए हैं।
कोरोना के बढ़ते खतरे और प्रदेश में चल रहे कर्मचारी आंदोलन से प्रदेश सरकार पर दबाव है। आंदोलन से स्वास्थ्य जैसी आवश्यक सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत शुक्रवार को कुछ बड़े फैसले ले सकते हैं। उन्होंने बृहस्पतिवार को प्रदेश में कर्मचारी आंदोलन और कोरोना को लेकर मुख्य सचिव के साथ वार्ता भी की है। मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री उच्च अधिकारियों के साथ सुबह बैठक भी करेंगे। इसके बाद दोपहर 12 बजे उन्होंने पत्रकार वार्ता बुलाई है।