Home उत्तराखंड आग के प्रकोप से झुलस रहे पहाड़; 3 दिन में 17 घटनाएं,...

आग के प्रकोप से झुलस रहे पहाड़; 3 दिन में 17 घटनाएं, 43 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित

उत्तराखंड में शुष्क मौसम में पारा चढ़ने के साथ ही जंगल धधकने का सिलसिला फिर शुरू हो गया है। मार्च में मौसम की मेहरबानी के चलते प्रदेश में जमकर वर्षा हुई और जंगल की आग से राहत रही। हालांकि, अप्रैल में शुरुआत से ही मौसम शुष्क बना हुआ है। खासकर बीते तीन दिन से पारे में लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसे में तीन दिन के भीतर प्रदेश में जंगल की आग की 17 घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें 43 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा। आने वाले दिनों में वन विभाग की मुश्किलें बढ़ने की आशंका है। हालांकि, विभाग की ओर से आग की रोकथाम के भरसक प्रयास करने का दावा किया जा रहा है।

प्रदेश में अनियमित वर्षा के पैटर्न के चलते बीते कुछ सालों से शीतकाल में भी आग की घटनाएं बढ़ गई हैं। हालांकि, ग्रीष्मकाल में ही जंगलों को आग का खतरा सर्वाधिक रहता है। मार्च से जून तक का समय आग के लिहाज से अत्यधिक संवेदनशील माना जाता है। खासकर कम वर्षा होने और वातावरण शुष्क होने के कारण जंगल की आग तेजी से फैलती है। इस बार मार्च में वर्षा अधिक होने से जंगल की आग की घटनाएं न के बराबर हुईं। हालांकि, अब अप्रैल में पारा तेजी से चढ़ रहा है और फिलहाल वर्षा के आसार नहीं दिख रहे हैं। इसके बाद मई और जून भी वन विभाग के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं।

बीते दो दिन की बात करें तो कुल 17 घटनाओं में से 11 घटनाएं आरक्षित वन क्षेत्र में हुईं और छह घटनाएं सिविल क्षेत्र की हैं। हालांकि, नुकसान आरक्षित क्षेत्र में 10 हेक्टेयर और सिविल क्षेत्र में 33 हेक्टेयर जंगल को हुआ है। मुख्य वन संरक्षक वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन निशांत वर्मा ने कहा कि वन विभाग की ओर से जंगल की आग रोकने को तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। फायर क्रू स्टेशन को अलर्ट मोड पर रखा गया है और मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम से निगरानी की जा रही है। वन पंचायतों का सहयोग लेने के साथ ही ग्रामीणों को भी जागरूक किया जा रहा है।


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here