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चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की सीमा बढ़ाने कोर्ट जाएगी सरकार: मुख्यमंत्री पुष्कर धामी

चारधाम यात्रा तो शुरू कर दी गयी थी लेकिन उस पर लागू किये गए नियमों की वजह से अधिकतर यात्री चारधाम यात्रा पर नहीं जा पा रहे हैं। प्रतिदिन तय की गई तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़वाने के लिए अब उत्तराखंड सरकार फिर से हाईकोर्ट जाएगी। याचिका दाखिल कर सरकार कोर्ट से तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाने का आग्रह करेगी। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में सीमित संख्या तय होने के कारण कई तीर्थयात्रियों को बिना दर्शन किए ही वापस लौटना पड़ रहा है। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों की ओर से चारधाम यात्रा के लिए स्थानीय लोगों के पंजीकरण की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग की गई थी।

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कोविड प्रोटोकाल का पालन करने के लिए सरकार ने कोर्ट के दिशा-निर्देश पर प्रतिदिन के हिसाब से चारों धामों के लिए तीर्थ यात्रियों की संख्या तय कर दी थी। बदरीनाथ में एक हजार, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री धाम में 400 यात्रियों की अधिकतम संख्या (प्रतिदिन) तय है। देवस्थानम बोर्ड की ओर से तय संख्या के आधार पर दर्शन के लिए ई-पास जारी किए जा रहे हैं। रविवार को कैंट रोड स्थित सीएम आवास में मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंध धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा की समीक्षा में यह बात सामने आई है। सरकार ने यात्रियों की सुविधा के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं की है।

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लेकिन देखा जा रहा है कि सुबह 11 बजे तक सभी धाम श्रद्धालुओं से खाली हो जा रहे हैं। जबकि इसके बाद भी दर्शन के लिए पर्याप्त समय रहता है। सीएम ने कहा कि चारधाम में अधिक लोग दर्शन करना चाहते हैं। इसके लिए हाईकोर्ट से अनुरोध किया जाएगा कि श्रद्धालुओं की संख्या को संशोधित कर दिया जाए। इससे जहां श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी। वहीं स्थानीय कारोबारियों, पर्यटन-परिवहन व्यवसायियों को भी राहत मिलेगी।


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