पूरी दुनियां में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले पांच लाख से ऊपर पहुंच गए हैं। बड़ी बात ये है कि इनमें से 2.5 लाख से ज्यादा पीड़ित यूरोप में पाए गए हैं, जिनमें से आधे से ज्यादा संख्या अकेले इटली और स्पेन में इस जानलेवा महामारी से पीड़ित मरीजों की है। भारत में भी पिछले 10 दिनों से स्थिति बहुत ही भयावह बनी हुई है। कई जगह लोग अपने घरों में कैद हैं तो कई लोग अब भी बेफिक्र होकर घूम रहे हैं। इसी कड़ी में देश-दुनियां में रह रहे उत्तराखंड के लोग इस दौरान वापस अपने पहाड़ों की ओर रुख कर चुके हैं।
कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने पर अब तक 20000 के आस पास प्रवासी पहाड़ पहुंच चुके हैं। इतनी बड़ी संख्या में प्रवासियों के पहाड़ का रुख करने से ग्रामीणों में भय का माहौल उत्पन्न हो गया है। कई जगहों में ग्रामीणों ने खुलकर उनकी वापसी का विरोध किया है, जबकि कई ग्रामीणों ने ऐसे लोगों से दूरी बनाते हुए प्रशासन से उनके मेडिकल परीक्षण की मांग भी उठा ली है। अकेले टिहरी जिले में 6000 से ज्यादा लोग अपने गांव पहुंचे हैं। वहीँ पौड़ी जिले में 7000 के आसपास प्रवासी अपने गांव पहुंचे हैं।
बात करें रुद्रप्रयाग जिले की तो यहाँ लगभग 2500 के आसपास प्रवासी गांव आए हैं। इन लोगों के लिए गांवों में क्वारंटीन केंद्र बनाए गए हैं या बनाए जा रहे हैं। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि सभी प्रधानों को अपने-अपनी ग्राम पंचायतों में लौट रहे प्रवासियों की सूचना हर दिन प्रशासन को देने के निर्देश दिए गए हैं। चमोली जिले में लगभग 3000 ग्रामीण अपने गांव लौट आए हैं।