भाजपा भले ही बहुमत के साथ उत्तराखंड की सत्ता में वापसी कर रही है लेकिन उसके सामने फिर एक बार मुख्यमंत्री के चेहरे का संकट पैदा हो गया है। पार्टी पुष्कर सिंह धामी के चेहरे के साथ चुनाव मैदान में उतरी थी और यह तय माना जा रहा था कि अगर धामी जीते तो उन्हें ही सीएम की कुर्सी सौंपी जाएगी, क्योंकि इसके पीछे कई कारण थे, जैसे- धामी का युवा चेहरा होना, अपने कार्यकाल के दौरान साफ -सुथरी छवि के साथ सरकार की योजनओं को तेजी से धरातल पर उतारना और सबको साथ लेकर चलने की क्षमता आदि। अब जब धामी खुद चुनाव हार गए हैं तो ऐसे में सवाल उठता है कि अगला सीएम कौन होगा?
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उत्तराखंड बीजेपी के नेता और केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट के एक बयान से इन कयासों को और बल मिला है, जिसमें उन्होंने कहा कि अगले CM का फैसला हाईकमान करेगा। हालांकि उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि पुष्कर सिंह धामी को एक बार फिर मौका दिया जा सकता है। दूसरी तरफ सीएम पुष्कर सिंह धामी की हार पर कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि चुनाव में हार जीत लगी रहती है। उन्होंने कहा कि केंद्र के मार्गदर्शन में सीएम धामी ने हर उम्मीदों पर खरा उतर कर दिखाया है। सूत्रों के अनुसार उत्तराखंड में सीएम की रेस में हरिद्वार से विधायक मदन कौशिक प्रबल दावेदार हैं।
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इसके अलावा धन सिंह रावत, सतपाल महाराज और मसूरी से विधायक गणेश जोशी की भी दावेदारी मानी जा रही है। बता दें कि राज्य में सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 36 सीटों की जरूरत होती है। आपको बता दें धामी की हार के साथ उत्तराखंड में मुख्यमंत्रियों की हार का सिलसिला भी बरकरार रहा। पहले भुवन चंद्र खंडूरी, फिर हरीश रावत तो अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री रहते हुए अपनी विधानसभा सीट को नहीं बचा पाए हैं।