उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में सोमवार को मुनस्यारी-मिलम सड़क पर वैली ब्रिज टूट गया है। भारत-चीन सीमा पर एलएसी से 65 किमी की दूरी पर स्थित यह ब्रिज टूटा है। हादसा उस वक्त हुआ जब पोकलैंड मशीन लेकर जा रहा ट्राला ब्रिज के ऊपर से गुजर रहा था। इस पुल के टूटने से सीमांत में सेना के साथ ही 15 से अधिक गांवों का शेष दुनिया से सड़क संपर्क पूरी तरह से कट गया है। घटना में ट्रक ड्राइवर और साथ में बैठा कंडक्टर दुर्घटना में घायल हो गए हैं। फिलहाल इन दोनों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक पुल कमजोर था और ट्रक चालक को इस खतरे की जानकारी भी दी गयी थी।
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आपको बता दें कि यह वही पूल है जिसके रास्ते से सैनिक और सामान मिलम होते हुए चीन सीमा तक पहुंचते हैं। मिलम क्षेत्र की करीब 7 हज़ार की आबादी भी इसी मार्ग पर आती जाती रहती है। पुल टूटने की वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहे हैं। हादसे में लमगड़ा अल्मोड़ा निवासी ट्राला चालक गोवर्धन सिंह और पंजाब निवासी पोकलैंड ऑपरेटर लखविंदर सिंह को गंभीर चोट लगी है। डॉक्टरों का कहना है कि दोनों घायलों के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। मिलम मार्ग पर मना करने के बावजूद ट्राला चालक ने पोकलैंड से लदे वाहन को पुल के ऊपर से गुजार दिया था।
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#WATCH Uttarakhand: A vehicle fell off Bailey Bridge in Pithoragarh as the bridge collapsed while the vehicle was crossing it. Two people who were injured were taken to Munsyari for medical treatment. pic.twitter.com/kcWYwyi1Ds
— ANI (@ANI) June 22, 2020
पुल टूटने के दौरान बनाए गए वीडियो में पुल का चौकीदार पुल पर ट्राला ले जाने से मना करते साफ सुना जा सकता है। सामरिक महत्व की सड़क पर बने पुल के चौकीदार खड़क सिंह ने बताया कि उसने बिना अनुमति पोकलैंड मशीन से लदे ट्राला को पुल से ले जाने को मना किया था। लेकिन चालक ने नहीं माना। वर्ष 2009 में बने इस वैली ब्रिज की एक माह पहले ही रिपेयरिंग की गई थी। मुनस्यारी-मिलम सड़क निर्माण को अंजाम तक पहुंचाने के लिए इस पुल की महत्वपूर्ण भूमिका थी। यहाँ बीआरओ को मुनस्यारी से मिलम तक 58 किमी सड़क निर्माण करना है। अभी तक 37किमी सड़क काट दी गई है। अब भी 21 किमी सड़क का निर्माण होना शेष है।
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