उत्तराखंड में आज और कल यानी 13 और 14 अगस्त काफी मुसीबत भरे हो सकते हैं। प्रदेशभर में भारी बारिश की आशंका जताई गयी है। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और बादल फटने की घटनायें फिर सामने आने का खतरा बढ़ गया है। बरसाती नदी-नालों में पानी बढ़ने की भी आशंका व्यक्त की गयी है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, 13 और 14 अगस्त तक प्रदेश में अधिकांश जगह बारिश हो सकती है। गढ़वाल मंडल में देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, पौड़ी, चमोली और कुमाऊं मंडल में पिथौरागढ़, बागेश्वर, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर जिलों में कुछ स्थानों में तीव्र दौर के साथ भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।
कुछ स्थानों पर बिजली भी गिरने की आशंका है। रेड अलर्ट जारी करने के साथ ही संबंधित जिलों के लिए सावधानी की सलाह देते हुए प्रशासन को आवश्यक सुरक्षा उपाय करने की भी सलाह दी गई है। अधिक ऊंचाई वाले और पहाड़ी क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही नियंत्रित करने की भी निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा तेज बारिश से भूस्खलन और नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी का खतरा भी जताया गया है। देहरादून जिले में अगले दो दिन भारी बारिश की संभावना को देखते हुए मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है। इस पर डीएम ने किसी भी आपदा की स्थिति में तत्काल स्थलीय कार्रवाई करते हुए सूचनाओं का आदान-प्रदान करने को कहा है।
इस बीच भारी बारिश और भूस्खलन के कारण उत्तराखंड में सड़कों के बंद होने का सिलसिला लगातार जारी है। पहाडी जिलों के लोग इस दौरान तमाम तरह की दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। चारधाम यात्रा मार्ग भी जगह-जगह बंद हैं जिसके कारण यात्रियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अनुमान है कि इन सभी सड़कों व पुलों को पुरानी अवस्था में लाने के लिए 60 करोड़ से अधिक की धनराशि की आवश्यकता होगी। लोनिवि के विभागाध्यक्ष हरिओम शर्मा के मुताबिक, सड़कों को खोलने के लिए 310 मशीनों को तैनात किया गया है।